राज्यसभा में 500 रुपए के नोटों की गड्डी मिलने के मामले की उच्च स्तरीय जांच होगी. जांच समिति में सुरक्षा एजेंसियों, राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों के साथ कुछ वरिष्ठ सांसदों को भी रखा जा सकता है. इसके लिए सदन में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को निकाला जा रहा है, ताकि पता लगाया जा सके कि यह गड्डी कैसे आई.
दरअसल, संसद सत्र के दौरान हर दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन की एंटी सैबोटेज जांच होती है. सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद भी यह जांच की जाती है. जांच के दौरान कई बार चश्मा, मोबाइल, डायरी जैसी चीजें मिलती हैं, जो सांसद भूलवश छोड़ जाते हैं. इन्हें राज्यसभा सचिवालय के लॉस्ट एंड फाउंड काउंटर पर जमा करा दिया जाता है.
एंटी सैबोटेज जांच हुई तो सीट नंबर 222 पर 500 के नोटों की गड्डी मिली. चूंकि रकम बड़ी है, यानी करीब 50 हजार रुपए. लिहाजा तुरंत इसकी जानकारी राज्यसभा सचिवालय को दी गई और गड्डी लॉस्ट एंड फाउंड में जमा कर दी गई. इसके बाद राज्यसभा के सभापति को सूचित किया गया.
जिस सीट से ये गड्डी मिली है वह कांग्रेस के तेलंगाना से सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है, जिन्होंने इस गड्डी के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है. हालांकि नए सदन के भीतर इतनी बड़ी संख्या में नोट मिलने का यह पहला मामला है. इससे पहले यूपीए सरकार के दौरान न्यूक्लियर डील पर सीपीएम के समर्थन वापस लेने पर विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया के दौरान बीजेपी के सांसदों ने नोटों की गड्डियां लहराई थीं.
उनका आरोप था कि विश्वास मत के दौरान सदन से अनुपस्थित रहने के लिए उन्हे्ं यह घूस की तौर पर दी गई थी. तत्कालीन स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने इसकी जांच के लिए एक समिति बनाई थी. हालांकि सदन में कितनी नगद राशि लेकर जा सकते हैं, इस पर कोई नियम नहीं है.