केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की ओर से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल के वकीलों से जेटली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल न करने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आगे से केजरीवाल के वकील आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल न करें. साथ की इस मामले में केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनके ही वकील राम जेठमलानी ने खुद को इस केस से अलग कर लिया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल के वकीलों को कहा कि आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल से कोर्ट का माहौल ख़राब होता है. हाइ कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि अरुण जेटली से क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान कोई भी गलत शब्द का प्रयोग न किया जाए साथ ही कानून के तहत जो सवाल हों वही पूछे जाएं.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपने ऑब्जरवेशन मे कहा कि अरविंद केजरीवाल जैसा संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. अगर इस तरह के पद पर बैठे हुए लोगों के वकीलों की ओर से भी ऐसी बातें कही जाती हैं तो हम आम जनता को क्या जवाब देंगे. इससे कोर्ट की गरिमा भंग होती है. कोर्ट ने केजरीवाल के वकीलों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोर्ट मे इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल दोबारा किया गया तो मामले को रजिस्ट्रार के पास भेज दिया जाएगा.
दरअसल जेटली मानहानि के मामले में सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने जेटली को लेकर क्रूक शब्द का प्रयोग किया था. जिसके बाद जेटली ने दूसरा मानहानि का केस केजरीवाल पर कर दिया था. फिलहाल केजरीवाल के वकील रहे राम जेठमलानी ने प्रेस कांफ्रेंस करके साफ कर दिया है कि क्रूक शब्द का इस्तेमाल उन्होंने केजरीवाल के कहने पर ही किया था, जबकि कुछ दिन पहले हाई कोर्ट में केजरीवाल ने हलफ़नामा दिया था कि राम जेठमलानी को अरुण जेटली के ख़िलाफ़ क्रूक शब्द का इस्तेमाल करने को नहीं कहा था.