दिल्ली यूनीवर्सिटी के रामजस कॉलेज से एक और बवाल सिर उठा रहा है. इस बार मामला लॉ फैकल्टी का है. बताया जाता है कि फैकल्टी में एक सेमिनार आयोजित होने वाला था. जिसे डीन वेद कुमारी ने आयोजन से ठीक एक दिन पहले कैंसिल कर दिया. इस सेमिनार में फ्रीडम ऑफ़ स्पीच पर चर्चा होनी थी. इसके लिए लॉ शिक्षा और राजनीति से जुड़े अलग-अलग विशेषज्ञों को बुलाया गया था. लॉ फैकल्टी स्टूडेंट यूनियन की ओर से साढ़े छह सौ छात्र इसमें शामिल होते. लेकिन डीन वेद कुमारी ने इसे फॉल्टी प्रोसीजर का नाम देकर रद्द कर दिया.
लॉ फैकल्टी की स्टूडेंट यूनियन आंदोलन करेगी
फैकल्टी की स्टूडेंट यूनियन के सेक्रेटरी मो. सोहेल का कहना है कि अल्पसंख्यक छात्र होने के कारण ही डीन को ये आयोजन रास नहीं आ रहा था. यूनियन इस बात को लेकर खासा नाराज है. वे इस पूरे मामले का जिम्मेदार अपनी डीन को ठहरा रहे हैं. छात्रों के मुताबिक वे फिर से सेमिनार के लिए निवेदन करेंगे. अगर उनका निवेदन स्वीकार नहीं किया गया तो वे हड़ताल और अनशन पर बैठ जाएंगे.
ABVP ने बताया इसे छात्रों के अधिकारों का हनन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) ने इस विवाद पर कहा है कि ये छात्रों पर जबरदस्ती वामपंथी विचारधारा थोपना है. ABVP के मुताबिक कैंपस में इस तरह का सेमिनार छात्रों का हक है और इसकी अनुमति देना डीन का काम.
इस मामले से कैंपस में एक बार फिर छात्र राजनीति गरमा गई है. लॉ स्टूडेंट यूनियन इस सेमिनार के आयोजन के लिए एकजुट हो चुकी है.