दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में 7 साल की रेप पीड़िता और एक गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती न करने की मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया है.
महर्षि वाल्मीकि अस्पताल को लेकर मीडिया में खबर आई है कि इस अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन नहीं है. इतना ही नहीं पिछले 4 महीने से अस्पताल के अल्ट्रासाउंड डिपार्टमेंट में कोई महिला डॉक्टर नहीं है, जिस वजह से रोजाना 60 से 70 गर्भवती महिलाओं को इस अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है.
मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि अस्पताल में एंबुलेंस की सुविधा भी नहीं है और गर्भवती महिलाओं को इस अस्पताल से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है.
मीडिया रिपोर्ट्स से ही पता चला कि पिछले दिनों एक 7 साल की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के केस में भी पीड़िता को इस अस्पताल में एक घंटे तक इंतजार करवाया था और उसके बाद उसे दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया था. रेप पीड़िता बच्ची को ब्लीडिंग हो रही थी, लेकिन महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के डाक्टरों ने बिना कोई ट्रीटमेंट किए उस पीड़िता को 11 किलोमीटर दूर दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया.
अस्पताल की चरमराती स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर स्थानीय विधायक ने भी उप राज्यपाल और स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया था लेकिन कोई हल नहीं निकला.
इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर नोटिस जारी कर जानकारी मांगी गई है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव से इन दोनों मामलों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. नोटिस में पूछा गया है कि अल्ट्रासाउंड मशीन न होने का कारण बताया जाए. 4 महीने से अस्पताल के अल्ट्रासाउंड डिपार्टमेंट में डॉक्टर न होने का कारण भी बताया जाए. अस्पताल में महिला डॉक्टर की पोस्टिंग क्यों नहीं की गई है, इसके बारे में भी पूछा गया है. अस्पताल की लापरवाही के लिए किसी के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया है, तो उसकी रिपोर्ट मांगी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल में पायी गई उपरोक्त खामियों को दूर करने के लिए यदि कोई निर्णय लिया गया है, उसके बारे में पूछा गया है. इस अस्पताल का स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर व सचिव द्वारा कितनी बार निरीक्षण किया गया है उसके बारे भी पूछा गया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक घटना है कि गैंग रेप पीड़ित बच्ची और गर्भवती महिला को अस्पताल से वापस लौटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.