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नरेला के बाद रैट माइनर वकील हसन ने दिलशाद गार्डन में ठुकराया घर, अब मनोज तिवारी ने किया बड़ा ऐलान

वकील हसन ने अब दिलशाद गार्डन में घर की पेशकश ठुकरा दी है. उन्हें पहले नरेला में घर दिया जा रहा था लेकिन उन्होंने कुछ अशोभनीय टिप्पणी के साथ वहां घर लेने से मना कर दिया था. वह उत्तराखंड के सिलकियारा टनल से रेस्क्यू कर मजदूरों को बचाने वाली टीम का हिस्सा थे.

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मनोज तिवारी, वकील हसन
मनोज तिवारी, वकील हसन

उत्तराखंड के सिलकियारा टनल में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करने वाली टीम का हिस्सा रहे वकील हसन ने अब दिलशाद गार्डन में घर लेने से इनकार कर दिया है. वह एक 'रैट होल माइनर' हैं, जिनके घर को डीडीए ने अतिक्रमण हटाने के एक अभियान के दौरान ढहा दिया था. इसके बाद उन्हें नरेला में एक घर देने की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने वहां घर लेने से इनकार कर दिया था. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि "वकील हसन को यहां इधर ही घर दिया जाएगा."

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वकील हसन को दिलशाद गार्डन में दो बेडरूप का कमरा और एक लिविंग रूम दिया जा रहा था. फ्लैट डीडीए एमआईजी के हैं, जो उनके निवास स्थान के करीब ही है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को जब इस बारे में पता चला कि हसन सिलकियारा टनल से मजदूरों को बचाने वाली टीम का हिस्सा थे, तो उन्होंने डीडीए से उन्हें मुफ्त में वैकल्पिक आवास मुहैया कराने के लिए कहा.

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एलजी ने किया था हसन को घर देने का ऐलान

बताया जा रहा है कि एलजी ने यह सच्चाई जाने बगैर घर देने का ऐलान किया कि वकील हसन का घर सरकारी जमीन पर था और अवैध रूप से निर्माण किया गया था. सरकारी जमीन के इस्तेमाल को लेकर वैध तरीके से अतिक्रमण को हटाया गया था. इसके बाद डीडीए ने तुरंत उन्हें 29 फरवरी को एक घर देने की पेशकश की थी.

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पहले नरेला में घर देने की पेशकश की गई

हसन को इससे पहले नरेला में घर दिया गया था लेकिन उन्होंने बड़ी ही अशोभनीय टिप्पणी के साथ वहां घर लेने से इनकार कर दिया था, जहां बताया जाता है कि पहले से ही तीन हजार परिवार रह रहा है. साथ ही उन्होंने अपने पहले घर के करीब ही आवास के लिए जोर दिया था.

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टनल को खोद मजदूरों की बचाई थी जान
 
वकील हसन को जो घर ऑफर किया गया था वो इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के स्वामित्व में हैं और 2 बीएचके फ्लैट है. वकील हसन एक कंपनी रॉकवेल एंटरप्राइजेज के मालिक हैं, जिसके कर्मचारियों ने बचाव अभियान के दौरान उत्तराखंड सुरंग के आखिरी हिस्से को खोदा था और मजदूरों की जान बचाई गई थी.

'पीएम को भी है घटना की जानकारी, देंगे घर'

उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने आज वकील हसन रेट माइनर से मुलाकात की.  उन्होंने कहा, "जो हुआ वह दुखद है. यह न्याय नहीं है. यह किसने किया इसकी जांच शुरू कर दी गई है. डीडीए की कार्रवाई की तुलना अन्याय से करते हुए मनोज तिवारी ने कहा, "आबादी वाले इलाके में एक घर को निशाना बनाना दर्शाता है कि अन्याय हुआ है." 

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मनोज तिवारी ने बताया कि 'एलजी इस पर दुखी और आश्चर्यचकित हैं. यहां तक ​​कि पीएम को भी मामले की जानकारी है. पीएम उदय योजना के तहत इन्हें इस घर में रहने का अधिकार है. हमने इन्हें रोहिणी में आवास उपलब्ध कराया है लेकिन जल्द ही हम इन्हें यहां इधर ही आवास देंगे.'

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