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संसद से 5 KM दूर कोचिंग सेंटर में हुआ हादसा, रेस्क्यू दल देरी से पहुंचा, घटना के बाद उजागर हुईं ये खामियां

हादसे के बाद दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक, बिल्डिंग फ्लोर के मालिकों और एक कार चालक सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. कार चालक मनोज कथूरिया की जमानत पर सुनवाई हो रही है, पुलिस ने लापरवाही से गाड़ी चलाने को मौतों का मुख्य कारण बताया है.

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कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद सिस्टम में कई खामियां उजागर हुई हैं
कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद सिस्टम में कई खामियां उजागर हुई हैं

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में RAU's IAS कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद दिल्ली के डिजास्टर रिस्पॉन्स सिस्टम की क्षमता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. ये हादसा देश की संसद से महज 5 किलोमीटर दूरी पर हुआ. इस हादसे के बाद न सिर्फ शहर के बुनियादी ढांचे की खामियां सामने आईं, बल्कि इमरजेंसी रिस्पॉन्स में देरी हुई थी, ये भी साफ हो गया है. 

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रेस्क्यू टीम का काम धीमा था, जो हादसे की पहली इन्फॉर्मेशन मिलने के एक घंटे बाद शुरू हो पाया था. स्थानीय पुलिस स्टेशनों और फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट समेत इमरजेंसी सेवाएं आसपास होने के बाद भी उनके रिस्पॉन्स में काफी देरी हुई. एक नजर डालते हैं हादसे के बाद क्या-क्या हुआ...

- दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हादसा हुआ
-  27 जुलाई को शाम 6:30 बजे Rau's IAS अकादमी के बेसमेंट में पानी भरा
- रेस्क्यू ऑपरेशन सूचना मिलने के एक घंटे बाद शुरू हुआ.
- पहला शव रात 10:39 बजे बरामद किया गया.
- दूसरा शव रात 11:18 बजे बरामद किया गया.
- तीसरा शव रात 1:12 बजे मिला.
- दिल्ली पुलिस की FIR के मुताबिक बेसमेंट (पार्किंग एरिया) में 3 फीट पानी जमा हो गया था

दिल्ली फायर सर्विस का रिस्पॉन्स 

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- दिल्ली फायर सर्विस के मुताबिक बचाव कार्य शाम 7:00 बजे शुरू हुआ
- 5 दमकल गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया और छात्रों को बेसमेंट से निकाला गया.

पुलिस की मौजूदगी

- Rau's IAS कोचिंग सेंटर के बाहर एक पुलिस पिकेट बूथ खाली पाया गया, इस नाजुक समय में कोई भी अधिकारी या कांस्टेबल मौजूद नहीं था.
- Rau's IAS कोचिंग सेंटर राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन से (2 किमी), पटेल नगर पुलिस स्टेशन से (3.4 किमी) और करोल बाग पुलिस स्टेशन से (1.3 किमी) दूरी पर है. इसके बावजूद, पुलिस और आपातकालीन सेवाएं काफी देरी से पहुंचीं. 

रिस्पॉन्स टाइम

- NDRF और SDRF की टीमें 30 मिनट देरी से पहुंचीं, समय पर पहुंचने से तीन लोगों की जान बच सकती थी.
- आपातकालीन प्रतिक्रिया में देरी आपदाओं के लिए दिल्ली की तैयारियों की पोल खोलती है
- दिल्ली पुलिस, MCD, NDRF और दिल्ली अग्निशमन सेवा जैसी एजेंसियों की तत्परता के बारे में चिंताएं जताई गई हैं.

हादसे के बाद पुलिस ने 7 आरोपियों को अरेस्ट किया

हादसे के बाद दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक, बिल्डिंग फ्लोर के मालिकों और एक कार चालक सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. कार चालक मनोज कथूरिया की जमानत पर सुनवाई हो रही है, पुलिस ने लापरवाही से गाड़ी चलाने को मौतों का मुख्य कारण बताया है. इसके अतिरिक्त पुलिस ने एमसीडी से बाढ़ प्रबंधन और किसी भी संबंधित जल निकासी टेंडर के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया है, जबकि संभागीय आयुक्त से एक रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है.

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गुस्साए छात्र कर रहे प्रदर्शन 

इस हादसे के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में यूपीएससी उम्मीदवार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही हादसे में जान गंवाने वाले हर पीड़ित के परिवार को 5 करोड़ रुपये का मुआवजा, अधिकारियों और अकादमी प्रबंधन के लिए जवाबदेही और बेसमेंट कोचिंग सेंटरों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. 

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