दिल्ली सरकार ने यूं तो 1 जनवरी से दिल्ली कारों पर ऑड-इवन का नियम लागू कर दिया था लेकिन इसका असली इम्तिहान सोमवार को होना था. उम्मीदों के मुताबिक दिल्ली की जनता ने सोमवार को ऑफिस डे होने के बावजूद इस फॉर्मूले का साथ दिया. हालांकि मेट्रो स्टेशनों पर काफी भींड़ देखी गई लेकिन ज्यादातर लोगों ने इसका पालन किया. दोपहर 2 बजे करीब राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर भारी भीड़ देखी गई. इस कारण लोगों को परेशानी का समाना करना पड़ा. सुबह के सत्र में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने करीब 150 लोगों के चालान काटे जो पहले दिन से कम था.
आज दौड़ी इवन गाड़ियां
कुछ मामलों को छोड़ दिया जाय तो सोमवार को दिल्ली की सड़कों पर सिर्फ इवन नंबर वाली गाड़ियां ही दौड़ी. आपको बता दें नए नियम के तहत अगर आपकी कार का नंबर 2,4,6,8,0 पर खत्म होता है तो आप आज दिल्ली में गाड़ी चला सकते हैं. जिन लोगों की कारों के नंबर ऑड यानि 1,3,5,7,9 पर खत्म होते हैं, उन गाड़ियों को चलाने पर चालान काटा जाएगा.
परिवहन मंत्री ने लिया जायजा
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक ली और सोमवार के लिए की गई तैयारियों की जायजा लिया. गोपाल राय ने कहा कि नियम तोड़ने पर किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी और सख्ती से चालान काटा जाएगा.
नियम तोड़ा तो भारी जुर्माना
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए गाड़ियों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है. अगर सरकार के ऑड-इवन फॉर्मूले के नियम को तोड़ा गया तो 2,000 रुपये का भारी जुर्माना लगेगा. हालांकि अगर एक दिन में एक ही बार चालान काटा जाएगा.
मेट्रो में भारी भीड़
दिल्ली में ऑड-इवन का सहयोग करने के लिए लोग अपनी गाड़ियां घर पर ही छोड़कर बसों और मेट्रो से सफर कर रहे हैं. वैशाली मेट्रो स्टेशन पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली. वहां टोकन काउंटर पर लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आए.
लोगों ने की पहल की तारीफ
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने इस आशंकाओं के बाद भी सम-विषम योजना लागू करने का फैसला किया कि इस कदम से पार्टी के वोट बैंक पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. बहरहाल, केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि लोगों ने पहल की तारीफ की है और योजना को लागू करने में सरकार से सहयोग किया है क्योंकि पर्यावरण संरक्षण एक बड़ी चुनौती है.
एक कार्यक्रम के दौरान बोले केजरीवाल
एक किताब के विमोचन के अवसर पर केजरीवाल ने कहा कि करीब डेढ़ महीने पहले जब सम-विषम योजना पर मंथन चल रहा था तो आशंकाएं जाहिर की गई थीं कि आगर योजना लागू की जाती है तो दिल्ली की जनता हमसे निराश हो जाएगी और हम 2017 के दिल्ली नगर निगम चुनाव हार जाएंगे. लेकिन यातायात एवं प्रदूषण की समस्याओं के त्वरित समाधान को देखते हुए यह योजना अहम थी.
वोट बैंक ही नहीं है सबकुछ
केजरीवाल ने कहा कि हम हर चीज को वोट बैंक के तौर पर नहीं देखते क्योंकि ऐसे सोचने से तो हम लोगों के फायदे के लिए काम ही नहीं कर पाएंगे. यदि हम सिर्फ वोट बैंक के बारे में चिंतित रहते और परंपरागत राजनीति पर ही ध्यान देते तो हम सम-विषम योजना को लागू नहीं कर पाते. मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना की सफलता ने हमारे इस भरोसे को बढ़ाया है कि यदि लोगों को साथ लेकर चला जाए तो मुश्किल काम भी संभाले जा सकते हैं.
लोगों को जागरुक करना है जरूरी
केजरीवाल ने कहा कि इस योजना के पीछे कोई वोट बैंक की राजनीति नहीं रही है, न ही इसका मकसद प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए एक और नारे को लोकप्रिय बनाना था. लोगों ने पार्टी लाइन से परे जाकर और समाज के सभी तबकों ने इस योजना की तारीफ की . उन्होंने कहा कि यह काम करने के दो तरीके थे. हम नियम की घोषणा करके इसका उल्लंघन करने वाले हर वाहन को जब्त कर सकते थे लेकिन निश्चित तौर पर यह व्यावहारिक समाधान नहीं होता. हमें जनता को जागरुक करना था और उन्हें साथ लेकर चलना था ताकि लोग खुद ही इसका पालन करें.
रविवार को नहीं लागू होगी यह योजना
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने वाहनों से पैदा होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने की खातिर एक प्रयोग के तौर पर सम-विषम योजना की शुरुआत पिछली एक जनवरी से की है. इस योजना के तहत सम तारीख को सम रजिस्ट्रेशन नंबर वाली निजी कारें और विषम तारीखों को विषम रजिस्ट्रेशन नंबर वाली निजी कारें चलाई जा सकती हैं. रविवार को दोनों तरह की निजी कारें चलाई जा सकती हैं. यह योजना फिलहाल 15 जनवरी तक ही लागू की गई है.