दिल्ली में बढ़ते डेंगू और चिकनगुनिया के असर के बाद केजरीवाल सरकार के अस्पतालों का बुरा हाल है. दवाई काउंटर पर स्टाफ की कमी होने की वजह से मरीजों को दवाई लेने के लिए दो-दो घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है.
'आज तक' की टीम ने अरुणा आसफ अली अस्पताल का रियलिटी चेक किया. जब टीम अस्पताल का दौरा करने पहुंची तो अलका लांबा वहां पहले से मौजूद थी. कैमरे के सामने जनता ने विधायक पर सवालों और शिकायत की बौछार कर दी.
अरुणा आसफ अली अस्पताल में दवाई के काउंटर करीब 200 मरीजों की भीड़ से खचाखच भरा हुआ था. सोनिया विहार से आए विनोद ने बताया कि वो दवाई की लाइन में डेढ़ घंटे से खड़े हैं, हमको दवाई नहीं मिला, लेकिन यहां जो गार्ड है, वो कमीशन लेकर लोगों को दवाई दिला रहा है. मेरे एक बेटे का कान बह रहा है और दूसरे को बुखार है.
आजाद मार्केट से आए मृत्युंजय ने अपने दो छोटे बच्चों की तरफ इशारा करते हुए बताया कि इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर ने हमें डाटा और इलाज करने से मना कर दिया जबकि हमारा बच्चे को कल शाम से उलटी, दस्त और बुखार है. मैंने हाथ जोड़कर निवेदन किया तब भी नहीं माने. सलमा नाम की एक महिला फर्श पर लेटी हुई हैं. महिला ने बताया कि दो हफ्ते से बुखार है. बुधवार की सुबह अस्पताल आए लेकिन दवाई काउंटर पर उनके परिवार का सदस्य लाइन लगे हुए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कहते हैं कि पानी पीजिए, खूब पानी पीजिए, हर आधे घंटे में पानी पीजिए. लेकिन अरुणा आसफ अली अस्पताल में दवाई काउंटर पर पानी मशीन ही खराब है. काउंटर पर 200 मरीजों की भीड़ है. एक मरीज को दवाई लेने में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लग रहा है. महिला ने बताया कि वो इस बीच अपने बीमार बच्चे को पानी नहीं पिला पाईं.
मरीजों की शिकायत के बाद अरुणा आसफ अली अस्पताल के एमएस जीबी कौशल से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने पूरा इंतजाम होने की बात कही. उन्होंने बताया कि कल से कूपन सिस्टम शुरू कर रहे हैं. इस बीच चांदनी चौक से विधायक अल्का लांबा ने ऐलान किया कि बुधवार से पार्टी के वॉलंटियर्स अस्पताल में लोगों और डॉक्टर की मदद करेंगे.
दवाई काउंटर पर मरीजों को डेंगू और चिकनगुनिया के बारे में जागरूक कर रही अल्का लांबा ने कहा कि जरूरत के हिसाब से काउंटर बनाए गए हैं. लंबी लाइन में दवाई लेने का इंतजार कर रहे एक युवा ने अलका से सवाल पूछा कि डॉक्टर के पास पहुंचने में दो घंटे लगे, फिर धूप में खड़े होकर दवाई लेने का इंतजार कैसे करें. मेरा निवेदन है कि नया सेंटर खोलिए. अलका लांबा ने परेशानी सुनी और जवाब देते हुए कहा कि मैं भी इनकी तकलीफ महसूस कर रही हूं. काउंटर की संख्या बढ़वा देंगे, लेकिन केमिस्ट भी होने जरूरी हैं.
भजनपुरा से आई लड़की ने अलका लांबा से पूछा कि इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर का रवैया ठीक नहीं है. डॉक्टर बदतमीजी करते हैं. अलका लांबा ने कहा कि सभी दबाव में काम कर रहे हैं. मरीजों का प्रेशर ज्यादा है. हम सबके लिए चुनौती है. दबाव से निपटेंगे.