आम आदमी पार्टी (आप) ने बगावत पर उतर आए अपने विधायक विनोद कुमार बिन्नी को रविवार रात निष्कासित कर दिया है. 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बिन्नी के जुबानी हमलों के करीब 10 दिन बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित किया है.
पार्टी के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि बिन्नी को निकाले जाने पर बुरा लग रहा है, लेकिन उन्होंने कोई और विकल्प छोड़ा ही नहीं था.
गौरतलब है कि 39 साल के बिन्नी, जो पहले कांग्रेस में रहे थे, ने केजरीवाल को तानाशाह कहा था और आरोप लगाया था कि अपने चुनावी वादों से पीछे हटकर पार्टी दिल्ली की जनता को धोखा दे रही है.
पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'अनुशासनिक समिति ने विनोद कुमार बिन्नी को निष्कासित करने और पार्टी में उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म करने का फैसला किया है. पार्टी एवं इसके नेतृत्व के खिलाफ सरेआम गलतबयानी करने पर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गयी है. उनकी गलतबयानी से पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा था.'
इस मामले पर विचार करने के लिए पार्टी ने 19 जनवरी को एक अनुशासनिक समिति बनायी थी. पंकज गुप्ता की अध्यक्षता में बनी समिति में सदस्य के तौर पर आशीष तलवार, इलियास आजमी, योगेंद्र यादव और गोपाल राय शामिल थे. बिन्नी ने ऐलान किया था कि यदि आप 27 जनवरी तक जनता से किए गए वादे पूरे नहीं करती तो वह जंतर-मंतर पर धरना देंगे.
बिन्नी ने अपने निष्कासन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
आम आदमी पार्टी से निकाले गए विनोद कुमार बिन्नी ने अपने निष्कासन को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और दावा किया कि दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी चाहती है कि सरकार गिर जाए, ताकि उसने लोगों से जो वादे किए हैं उन्हें पूरा करने से वह बच सके.
पार्टी से निष्कासन के कुछ ही देर बाद लक्ष्मीनगर से विधायक बिन्नी ने संवाददाताओं से कहा, ‘इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता कि आपको कोई ऐसा शख्स चाहिए जो आपको याद दिला सके कि आपने जनता से क्या वादे किए हैं और फिर आप उसी शख्स को पार्टी से निकाल बाहर करते हैं.’
बिन्नी ने कहा, ‘मुझे पार्टी से बाहर करने से पहले आपको उन लोगों को निष्कासित करना चाहिए था, जिन्होंने देश को बांटने की बात की, जिन्होंने महिलाओं से बदसलूकी की, जिन्होंने देश के कानून का मजाक बनाया और जिन्होंने नियमों को ताक पर रखा.’