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ट्रैक्टर रैली से गायब युवक के परिजन पहुंचे हाई कोर्ट, दिल्ली पुलिस तलब

याचिका में आरोप लगाया गया है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान बलजिंदर नांगलोई के इलाके से गायब हो गए. इसके बाद उनके भाई ने पुलिस स्टेशन का रुख किया. पुलिस ने जानबूझकर इस मामले में ना तो उनकी गुमशुदगी की कोई एफआईआर दर्ज की और ना ही ढूंढने की कोई कोशिश की.

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नांगलोई के इलाके से गायब हुआ युवक, पुलिस से मांगा जवाब (फाइल फोटो-PTI)
नांगलोई के इलाके से गायब हुआ युवक, पुलिस से मांगा जवाब (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्रैक्टर रैली से लापता हुआ युवक
  • परिजन पहुंचे दिल्ली हाई कोर्ट
  • कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेने आए हरियाणा के एक युवक के लापता होने के बाद परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas corpus) याचिका दायर की है. 

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दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 24 घंटे में इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट कल मंगलवार को फिर इस मामले में सुनवाई करेगा.

हरियाणा के जींद के रहने वाले 25 साल के बलजिंदर अपने भाई के साथ दिल्ली में 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेने के लिए आए थे. कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका उनके भाई की तरफ से ही दाखिल की गई है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा के दौरान बलजिंदर नांगलोई के इलाके से गायब हो गए. इसके बाद उनके भाई ने पुलिस स्टेशन का रुख किया. पुलिस ने जानबूझकर इस मामले में ना तो उनकी गुमशुदगी की कोई एफआईआर दर्ज की और ना ही ढूंढने की कोई कोशिश की. याचिका में कहा गया है कि बलजिंदर की गुमशुदगी को लेकर शुरू से ही दिल्ली पुलिस का रवैया लापरवाही वाला रहा.

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कोर्ट में दायर याचिका में परिवार ने शंका जताई है कि दिल्ली पुलिस ने बलजिंदर को गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखा हुआ है. इसी कारण गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज करने से लगातार पुलिस टालमटोल कर रही है.

कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 15 दिन से गायब बलजिंदर को लेकर दिल्ली पुलिस से 24 घंटे के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले में मंगलवार को होने वाली सुनवाई अहम होगी क्योंकि उसी से साफ हो पाएगा कि क्या पुलिस के पास बलजिंदर को लेकर कोई जानकारी है या फिर याचिका में जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं उसमें पुलिस का अपना क्या पक्ष है.

हाईकोर्ट में इससे पहले भी एक जनहित याचिका लगाई गई थी जिसमें कहा गया था कि 200 के आसपास लोग ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेने के दौरान गायब हैं और अपने परिवार के पास वापस नहीं पहुंच पाए. लेकिन इस याचिका में किसी भी परिवार ने अपने सदस्य की गुमशुदगी को लेकर कोर्ट में कोई भी हलफनामा दाखिल नहीं किया था. इसलिए उस याचिका को खारिज कर दिया गया था.


 

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