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रेहड़ी पटरी वालों को हाई कोर्ट से राहत

दिल्ली में रेहड़ी पटरी वालो को हटाने को लेकर NDMC की तरफ से बुधवार को नई अर्जी लगाई गई कि हाई कोर्ट अपने 9 सितम्बर के उस आदेश में बदलाव करे जिसमें रेहडी पटरी वालों को हटाने पर हाई कोर्ट ने पूरी तरह से रोक लगा दी थी.

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सर्वे पूरा होने देने की मांगी इजाजत
सर्वे पूरा होने देने की मांगी इजाजत

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दिल्ली में रेहड़ी पटरी वालो को हटाने को लेकर NDMC की तरफ से बुधवार को नई अर्जी लगाई गई कि हाई कोर्ट अपने 9 सितम्बर के उस आदेश में बदलाव करे जिसमें रेहडी पटरी वालों को हटाने पर हाई कोर्ट ने पूरी तरह से रोक लगा दी थी. साथ ही NDMC की तरफ़ से हो रहे सर्वे को भी रोक दिया गया था. नई अर्जी में NDMC ने कोर्ट से सर्वे को पूरा करने की इजाजत मांगी है.

क्योंकि NDMC का तर्क है कि 90 फ़ीसदी सर्वे हो चुका है. NDMC ने कहा कि इस मामले में लॉ एंड ऑर्डर ठीक करने के लिए यह सर्वे करना बहुत जरुरी है. अगर सर्वे पूरा होता है तो अगर कोई भी वेंडर कुछ ग़लत करना मार्किट में पाया जाता है तो उसको पकड़ना आसान होगा. NDMC ने कोर्ट को बताया कि कई बार सर्वे को करने के दौरान अधिकारियों पर वहां के माफिया ने अटैक भी किया है. जिसकी FIR भी दर्ज करवायी गयी है. हाई कोर्ट के स्टे के बाद रेहड़ी पटरी माफ़िया इस आदेश का ग़लत फ़ायदा उठा रहे हैं.

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NDMC ने कहा कि दिल्ली में सबसे पहले टाउन वेंडिंग कमेटी हम लोगों ने बनायी है. इसका काम ही ये पता करना है कि कौन असली रेहड़ी पटरी वाले हैं और कौन अवैध कब्ज़ा करके बैठे हुए है. सर्वे 25 जुलाई से शुरू किया गया था और 90 फ़ीसदी पूरा हो चूका है. NDMC का कोर्ट में तर्क था कि बाज़ारों में अवैध निर्माण के चलते ट्रैफिक जाम होता है. एक दुकान में कई कई निर्माण कर लिए गए हैं. जिसे रोकना बेहद जरुरी है. लिहाज़ा सर्वे को पूरा करने के आदेश हाई कोर्ट दे.

वहीं कई मार्किट एसोसिएशन का तर्क था कि नो वेंडर जोन में वेंडर को जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए. लेकिन उनके लिए वेंडिंग जोन में बैठने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. हाई कोर्ट ने कहा कि हमें पता है कि हमने जो स्टे लगाया है वो इसको लेकर है कि जो जहां पर है फ़िलहाल उसे वही (रेहड़ी पटरी वाले)रहने दिया जाए. उनको पुलिस या MCD वहा से न हटाये.

9 सितम्बर को दिल्ली हाई कोर्ट ने किसी भी रेहड़ी पटरी वाले को दिल्ली में हटाने को लेकर रोक लगा दी थी. हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, पुलिस, सभी एमसीडी और एलजी को नोटिस देकर ज़वाब मांगा था. याचिका कांग्रेस के नेता अजय माकन ने लगायी है.

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हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद दिल्ली के रेहड़ी पटरी वालों को फ़िलहाल पुलिस और एमसीडी नहीं हटा पा रही हैं. हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक दिल्ली में उनकी गिनती से जुड़ा हुआ सर्वे पूरा नहीं हो जाता और साथ ही सरकार कोई ठोस पॉलिसी रेहड़ी पटरी वालों के लिए नहीं बना लेती, जो वेंडर जहां है उसे वहां से न हटाया जाए.

ये याचिका कांग्रेस नेता अजय माकन की तरफ से लगाया गयी थी. कोर्ट ने सरकार, पुलिस और सभी एमसीडी से इस पर अपना ज़वाब देने को भी कहा है. दिल्ली के लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, करोल बाग़, लोधी रोड जैसे अलग अलग इलाक़ों में पुलिस और एमसीडी रेहड़ी पटरी वालों को लगातार हटा रही थी. कोर्ट मामले की सुनवाई करीब ढाई घंटे चली और इस बीच एनडीएमसी, मार्किट एसोसिएशन, वेंडर एसोसिएशन सभी ने अपना अपना पक्ष कोर्ट को बताया.

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