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आपातकाल में बंदी रहे लोगों को दिल्ली BJP ने किया सम्मानित

आपातकाल में बंदी रहे लोगों की मांग है की उन्हें स्वतंत्रता सैनानी के तौर पर प्रमाणित किया जाए. यानी साफ़ शब्दों में कहा जाए तो ये लोग स्वतंत्रता सैनानी का दर्जा चाहते हैं. इनका मानना है कि हमने देश के लिए लड़ाई लड़ी है, इसलिए हमें सैनानी का दर्जा मिलना चाहिए.

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बंदी रहे लोगों ने सरकार से मांगा सैनानी का दर्जा
बंदी रहे लोगों ने सरकार से मांगा सैनानी का दर्जा

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भारत के इतिहास में 25 जून 1975 की तारीख कभी नहीं भुलाई जा सकती क्योंकि इसी दिन देश में आपातकाल लागू हुआ था. आज के दिन को इतिहास का काला मंज़र के तौर पर याद किया जाता है. दिल्ली बीजेपी ने आपातकाल के दौरान जेल में बन्दी रहे लोगों का सम्मान किया. उस वक्त क़रीब देश में एक लाख से ज़्यादा लोगों को जेल में बंद कर दिया था. बीजेपी के इस सम्मान समारोह में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी मौजूद रहे.

आपातकाल बंदी स्मरण समिति में कुल डेढ़ हज़ार लोग थे. ये वही लोग थे जो आपातकाल में बंदी बनाए गए थे. मगर अब इनमें से केवल 600-700 लोग ही जीवत हैं. इन लोगों की मांग है की उन्हें स्वतंत्रता सैनानी के तौर पर प्रमाणित किया जाए. यानी साफ़ शब्दों में कहा जाए तो ये लोग स्वतंत्रता सैनानी का दर्जा चाहते हैं. इनका मानना है कि हमने देश के लिए लड़ाई लड़ी है, इसलिए हमें सैनानी का दर्जा मिलना चाहिए.

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वही आपातकाल बंदी समिति पिछले कई वर्षों से ये लड़ाई लड़ रही है. समिति के अध्यक्ष का कहना है कि वो दौर अंधकार का दौर था. वो पहले भी इस मांग को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिल चुके हैं. इनका कहना है कि अगर दिल्ली के उप राज्यपाल हमारी मांग मान कर गृह मंत्री को भेज दें तो हमें हमारा हक़ मिल जाएगा.

रविवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने भी 'मन की बात' कार्यक्रम में आपातकाल में जिन लोगों पर जुर्म हुआ उसे लेकर दुख व्यक्त किया था. साथ ही प्रधानमंत्री ने आपातकाल को लोकतंत्र का सबसे काला दौर क़रार दिया.

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