लोकसभा में आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. जब सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्रांसपोर्ट विभाग की खामियां और कमियां इस अंदाज में बताई कि पूरा सदन ठहाके लगाने पर मजबूर हो गया. मौका था, मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल 2016 को पास करने को लेकर हो रही चर्चा का.
देशभर में तमाम लोगों से इस बिल पर राय लेने के बाद ये बिल लोकसभा में आया है. इस दौरान मंत्री जी को ट्रांसपोर्ट विभाग की कमियों से भी रुबरु होने का मौका मिला और उसी अनुभव को गडकरी जी ने आज सदन में जब अपने अंदाज में बताया तो कुछ चौंके भी और कुछ हंसने पर भी मजबूर हो गए.
किस्सा कुछ यूं था कि जब मंत्री जी नई बिल की खासियत गिना रहे थे. उन्होंने बताया अब ई-गवर्नेंस के चलते हर किसी को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग जाना ही पड़ेगा और इसी बीच गडकरी ने सदन के सामने एक सवाल दागा. सभी सांसद एक दूसरे को देखने लगे. कुछ मुस्कुराने लगे कुछ चौंक गए. कुछ जोर-जोर से हंसने लगे. यहां तक की चेयर पर बैठी स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मुस्कुराती रही.
दरअसल नितिन गडकरी ने सवाल पूछा कि यहां इतने लोग बैठे हैं, आप बताइए आप में से कौन लाइसेंस बनवाने विभाग में गया था. कुछ लोगों ने हाथ उठाए. कुछ हंसते रहे. सदन का माहौल बता रहा था कि नितिन गडकरी जो कहना चाह रहे थे. सभी उसको समझ रहे थे. यानी कि अक्सर यह सुनने में आता है. बड़े लोगों का लाइसेंस विभाग में बिना जाए ही बन जाता है चाहें वो सांसद हो, नेता हो या पत्रकार.
कुछ इसी अंदाज का सहारा नितिन गडकरी ने टोल नाकों पर होने वाली अवैध उगाही का मामला उठाने में भी लिया. इस बार गडकरी खुद मुस्कुरा रहे थे और साथ ही भूमिका भी बना रहे थे. उन्होंने पहले कहा कि हम भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था चाहते हैं राज्यों से बात कर रहे हैं.
कोई गलत ना समझे. 'मैं सदन को कहना चाहता हूं कि टोल नाकों पर अवैध उगाही होती है. आम जनता को परेशान किया जाता है. अब मैं नहीं होने दूंगा. उसके लिए मैं राज्य सरकारों से भी बात कर रहा हूं.' नितिन गडकरी इससे पहले भी सदन में कई बार सांसदों को अपने इसी अंदाज के कारण हसाते रहे हैं.