राजधानी दिल्ली में रोहिंग्या (Rohingya) शरणार्थियों को फ्लैट में बसाने का फैसला कौन ले रहा था? इसपर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने आ गई है. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि यह काम भारतीय जनता पार्टी कर रही थी. आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रोहिंग्या दिल्ली की सुरक्षा के लिए खतरा है और इनको यहां नहीं बसने दिया जाएगा.
सौरभ भारद्वाज ने आगे आरोप लगाया कि जिस तरह कांग्रेस ने बांग्लादेशियों को भारत में बसाकर उनको वोटबैंक बनाया, ऐसा ही कुछ बीजेपी रोहिंग्याओं को बसाकर करना चाहती है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में AAP ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी के फैसले का नोट दिखाया. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह पूरी साजिश केंद्र की तरफ से रची गई क्योंकि NDMC हरदीप पुरी के तहत है. वह बोले कि चीफ सेक्रेटरी ने एलजी के निर्देश पर यह काम किया. सौरभ बोले कि चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने रोहिंग्याओं को EWS फ्लैट में रखने का फैसला दिया था. वह बोले कि साजिश रची गई कि इससे जुड़ी फाइल को दिल्ली के गृह विभाग को भेजा ही ना जाए. फिर चोरी-छिपे ये फाइल चीफ सेक्रेटरी के जरिए एलजी को भेजी जानी थी.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए लिखा कि केंद्र सरकार रोहिंग्याओं को बसाने के लिए फ्लैट्स का इंतजाम कर रही है. सौरभ बोले कि ट्वीट भले डिलीट हो जाएं लेकिन मोदी सरकार एक्सपोज हो चुकी है. रोहिंग्याओं को बसाने के लिए NDMC के EWS फ्लैट्स जो बक्करवाला में हैं वो दिए जा रहे हैं. उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन देने की बात हो रही है, यह हम दिल्ली वालों की सुरक्षा के लिए खतरा है. हम दिल्लीवासी इन्हें यहां नहीं बसने देंगे, केंद्र सरकार कुछ भी कर ले, हम ये एलोकेशन नहीं होने देंगे.
गृह मंत्रालय को भी देनी पड़ी सफाई
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान पर हलचल मच गई थी. फिर इसपर गृह मंत्रालय ने सफाई भी दी. मंत्रालय ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी डिटेशन सेंटर्स में ही रहेंगे. इससे पहले हरदीप पुरी ने कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली में EWS फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा.
गृह मंत्रालय (MHA) ने अपने बयान में कहा कि रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को नई दिल्ली के बक्करवाला (Bakkarwala) में EWS फ्लैट्स में रखने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. बताया गया कि दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि रोहिंग्याओं को नई लोकेशन पर शिफ्ट किया जाए. इसपर MHA ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि रोहिंग्याओं को मौजूदा लोकेशन कंचन कुंज (मदनपुर खादर) में ही रखा जाए.
बता दें कि दिल्ली में करीब 1,100 रोहिंग्या रह रहे हैं. उनके रहने के लिए टेंट आदि की व्यवस्था है.
MHA ने अपने बयान में कहा कि रोहिंग्याओं को मौजूदा जगह पर इसलिए रखा जाएगा क्योंकि सरकार विदेश मंत्रालय के माध्यम से अवैध विदेशियों के निर्वासन के लिए संबंधित देशों से बातचीत कर रही है. गृह मंत्रालय ने आगे कहा है कि निर्वासित किए जाने तक अवैध विदेशियों को डिटेंशन सेंटर्स में ही रखा जाएगा. लेकिन दिल्ली सरकार ने अबतक मौजूदा लोकेशन को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है. उनको ऐसा तुरंत करने का निर्देश दिया गया है.