आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में सरकार बनते ही स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर देने की बात कही थी. केजरीवाल सरकार ने स्वास्थ्य बजट को दोगुना कर दिया, लेकिन एक आरटीआई में हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. फरवरी 2015 तक दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10,859 बेड थे. मई 2016 में इनकी संख्या घटकर 10,820 हो गई है, यानी एक साल के दौरान 39 बेड कम हो गए हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने मांगी थी जानकारी
दरअसल, बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने आरटीआई के जरिये दिल्ली सरकार के अस्पतालों को लेकर जानकारी मांगी थी कि 15 फरवरी 2015 में दिल्ली के अस्पतालों
में कितने बेड थे और 5 मई 2016 कर कितने बेड हैं? इसके जबाव में जो जानकारी
दी गई है, उसके मुताबिक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, एक साल के दौरान कुल 39 बेड कम हो गए हैं.
एक अस्पताल को पॉलीक्लिनिक में तब्दील कर दिया गया है. अब बीजेपी इसे लेकर सवाल उठा रही है. बीजेपी नेता विजय गोयल ने कहा कि सरकार सिर्फ बयानबाजी करती है, काम नहीं करती. दिल्ली में सरकार विज्ञापनों के जरिये प्रचार तो खूब करती है, लेकिन काम दिखना चाहिए.
क्या कहते हैं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री
अब सवाल ये कि जब स्वास्थ्य बजट को दोगुना किया गया और बेड बढ़ाने के जोर-शोर से दावे किए गए, तो केजरीवाल सरकार के एक साल बाद ही बेड कैसे कम हो गए? वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने 2017 तक 1000 बेड बढ़ाने की बात कही है.