scorecardresearch
 

दिल्ली: AAP के 21 विधायकों के भविष्य का फैसला अब चुनाव आयोग के हाथ में

सूत्रों की मानें तो तमाम 21 विधायकों को जिनकी सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है ने अपनी तरफ से अलग-अलग जवाब दिए हैं. जवाब तमाम दलीलें दी गईं हैं, जिनसे चुनाव आयोग को इस बात के लिए संतुष्ट किया जा सके कि उन्हें संसदीय सचिव बनने से कोई लाभ नहीं मिला है.

Advertisement
X
सीएम अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल

Advertisement

दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए 21 पार्लियामेंट सेक्रेटरी का मसला अब चुनाव आयोग के पाले में है. सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग असम-बंगाल-केरल विधानसभा चुनावों के बाद मामले में फैसला करेगा.

'ऑफिस आफ प्रॉफिट' के मसले पर जो जबाव चुनाव आयोग को भेजा गया है उसे लेकर अटकलें भी तेज हैं और सरकारी खेमे में हालात क्या हैं, इस बात का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सीधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है. केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा कि उत्तराखंड में मिले सबक के बाद अब उम्मीद है कि केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के खिलाफ कदम उठाने से पहले सोचेगी.

लेकिन सूत्रों की मानें तो तमाम 21 विधायकों को जिनकी सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है ने अपनी तरफ से अलग-अलग जवाब दिए हैं. जवाब तमाम दलीलें दी गईं हैं, जिनसे चुनाव आयोग को इस बात के लिए संतुष्ट किया जा सके कि उन्हें संसदीय सचिव बनने से कोई लाभ नहीं मिला है. इसलिए वो लाभ के पद के दायरे में सामिल हो ही नहीं सकते. सभी 21 संसदीय सचिवों ने अपने-अपने तरफ लगभग 50-50 पेजों का जवाब दिया है.

Advertisement

बीजेपी ने संसदीय सचिवों के मसले पर आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है. बीजेपी नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक गर्ग ने एक आरटीआई का हवाला देते हुए कहा है कि सभी संसदीय सचिवो को दिल्ली विधान सभा में एक एक कमरा मिला है. जो 'ऑफिस ऑफ प्राफिट' में आता है. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार की तरफ से जारी किए गए एक दस्तावेज का भी जिक्र किया है, जिसमें कहा गया है कि संसदीय सचिवों को कोई सैलरी नहीं मिलेगी. लेकिन जरूरत के मुताबिक वो सरकारी गाड़ियों और मंत्रियों के दफ्तर का इस्तेमाल कर पाएंगे.

आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार AAP
संसदीय सचिवों का मसला दिल्ली के सियासी हल्कों में एक बार फिर उबाल तो लाएगा. क्योंकि चुनाव आयोग उन तमाम बारीकियों के खंगालेगा जिनके मुताबिक इन संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है. लेकिन आम आदमी पार्टी इन सबको लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार दिखती है. सीनियर आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने साफ कहा है कि ऐसे किसी मामले से पार्टी डरने वाली नहीं है.

Advertisement
Advertisement