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AIIMS में हर साल औसतन 3,300 मरीजों की होती है मौत

देश में उत्कृष्ट चिकित्सा के लिए मशहूर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पिछले एक साल में प्रतिदिन औसतन 9 से अधिक मरीजों की मौत हुई है यानी औसतन 3,300 मरीज प्रतिवर्ष.

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एम्स, नई दिल्ली
एम्स, नई दिल्ली

देश में उत्कृष्ट चिकित्सा के लिए मशहूर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पिछले एक साल में प्रतिदिन औसतन 9 से अधिक मरीजों की मौत हुई है यानी औसतन 3,300 मरीज प्रतिवर्ष.

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सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत एम्स के अस्पताल प्रशासन एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी डा. सिद्धार्थ सतपथी ने बताया कि अप्रैल 2013 से मार्च 2014 के बीच एक वर्ष में एम्स के मुख्य अस्पताल और हृदय मस्तिष्क केंद्र (सीएनसी) में 3394 मरीजों की मौत हुई. इस अवधि में एम्स में कुल ।,14,083 मरीज भर्ती हुए थे.

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, मेडिसिन विभाग के संयाक-एक में भर्ती होने वाले 1410 मरीजों में 226 मौत हुई जबकि मेडिसिन संकाय-दो में 1010 मरीजों में 239 की और संकाय-तीन में भर्ती होने वाले 1881 मरीजों में 251 की मौत हुई.

एम्स के नेफ्रोलॉजी विभाग में 2013-14 में भर्ती होने वाले 8139 मरीजों में 151 की मौत हुई जबकि गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी विभाग में भर्ती होने वाले 2674 मरीजों में 448 की मौत हुई. एम्स के रक्त विज्ञान संकाय (हेमेटोलाजी) में भर्ती होने वाले 10,091 मरीजों में 248 की मौत हो गई जबकि फेफड़ा चिकित्सा संबंधी निद्रा विकार विभाग में भर्ती होने वाले 1420 मरीजों में 157 की मौत हो गई.

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हृदय रोग विभाग में 2013-14 में 8,147 मरीज भर्ती हुए जिसमें से 200 की मौत हो गई जबकि हृदय वक्ष संवाही सर्जरी विभाग में 3,542 मरीज भर्ती हुए जिनमें से 278 की मौत हो गई. एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के विभाग के संकाय-एक में भर्ती होने वाले 1672 मरीजों में 67, संकाय-दो में भर्ती होने वाले 1174 मरीजों में 67 और संकाय-तीन में भर्ती होने वाले 1174 मरीजों में 62 की मौत हो गई.

हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने एम्स में उपचार के दौरान मरीजों की मौत का ब्यौरा मांगा था. आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, एम्स के मुख्य अस्पताल में 2013-14 के दौरान भर्ती होने वाले 93,898 मरीजों में 2,474 की मौत हो गई जबकि हृदय मस्तिष्क केंद्र (सीएनसी) में भर्ती होने वाले 20,185 मरीजों में से 920 की मौत हुई.

एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के संकाय-एक में भर्ती हुए 2,657 मरीजों में 131 और न्यूरो सर्जरी संकाय-दो में भर्ती होने वाले 1817 मरीजों में 103 की मौत हो गई. आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैंसर विभाग में 2013-14 के दौरान 548 मरीज भर्ती हुए जिनमें से 94 की मौत हो गई. वहीं, गैस्ट्रो इंट्रो-लीवर विभाग में भर्ती होने वाले 1,089 मरीजों में 81 की मौत हो गई. यूरोलॉजी विभाग में 5,842 मरीज भर्ती हुए जिसमें से 27 की मौत हो गई.

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सर्जरी संकाय-एक में भर्ती होने वाले 1,459 मरीजों में 29, संकाय-दो में भर्ती होने वाले 1992 मरीजों में 26 और संकाय-तीन में भर्ती होने वाले 1440 मरीजों में से 23 की मौत हो गई.

नए जन्मे बच्चों के विभाग में भर्ती होने वाले 2,685 मरीजों में से 31 की मौत हो गई जबकि नवजात बच्चों (एनआईसीयू) के विभाग में भर्ती होने वाले 246 मरीजों में से 25 की मौत हो गई.

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के बाल चिकित्सा विभाग के संकाय-एक में भर्ती होने वाले 3,699 मरीजों में से 60, संकाय-दो में भर्ती होने वाले 1,732 मरीजों में 69 और संकाय-तीन में भर्ती हुए 10,303 मरीजों में 68 की मौत हो गई. बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग में भर्ती होने वाले 2,729 मरीजों में से 74 की मौत हो गई.

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