आम आदमी पार्टी सरकार और एलजी दफ्तर के अधिकारों को लेकर दिल्ली विधानसभा में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. सदन में दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों से जुड़े विधायकों के सवाल का जवाब ना मिलने पर स्पीकर राम निवास गोयल ने नाराजगी जाहिर की है.
सदन में मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के 20 साल के विदेशी दौरों की रिपोर्ट पेश न करने पर बड़ा बवाल हुआ. स्पीकर रामनिवास गोयल ने विधायकों द्वारा प्रश्न पूछे जाने के मामले में सदन के भीतर एलजी के पत्र को पढ़कर सुनाया. राम निवास निवास गोयल ने सदन में बताया कि एलजी ने उन्हें खत लिखकर कहा है कि दिल्ली विधानसभा स्पीकर सर्विसेज, विजिलेंस, लैंड जैसे विभाग से संबंधित कोई सवाल स्वीकार नहीं कर सकते हैं.
स्पीकर ने आगे एलजी के पत्र पर आपत्ति जताते हुए कहा, 'दिल्ली में अंग्रेजों का शासन लगाने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली में अगर रेप हो जाए तो क्या विधायक विधानसभा में सवाल नहीं उठा सकते? एलजी ने क्या तमाशा बना रखा है. विधायकों के सवाल का अधिकारी जवाब क्यों नहीं देते हैं? प्रश्नों का जवाब न मिलना सदन की अवमानना है और अधिकारियों को विधानसभा में पूछे गए तमाम प्रश्नों का जवाब देना चाहिए.'
हंगामे के बीच मनीष सिसोदिया ने सदन को बताया कि दिल्ली पुलिस, डीडीए या सर्विसेज से अगर कोई जवाब आता है तो संबंधित विभाग के मंत्री को जानकरी दी जाती है और उनके हस्ताक्षर किए जाते हैं. लेकिन सीधे स्पीकर के पास अगर कोई जानकरी आ रही है तो यह असंवैधानिक है, इसकी जांच की जरूरत है. सिसोदिया ने आगे कहा कि संविधान के तहत दिल्ली विधानसभा बनी है और गृह मंत्रालय के दफ्तर में बैठे बाबू तय नहीं करेंगे कि दिल्ली विधानसभा कैसे चलेगी.
सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली विधानसभा किसी की बपौती नहीं, बल्कि दिल्ली वालों की बपौती है. कौन विधायक कहां गया, कौन अधिकारी कहां गया, इसकी जानकारी क्यों छुपाई जा रही है? अगर 6 मंत्रियों के बारे पूछा होता, तो अबतक सबकी जानकारी मिल जाती. इन्हें डर है कि विदेश यात्राओं की जानकारी मिल गई तो कई अधिकारियों, मंत्रियों का काला सच सामने आ जाएगा.'
विदेश यात्राओं के सवाल पर जवाब न मिलने का बीजेपी ने सदन में विरोध किया. नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह मामला सर्विसेज का नहीं है. दोनों सवाल इस विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और इसका जवाब मिलना चाहिए. हालांकि स्पीकर रामनिवास गोयल ने रूलिंग देते हुए कहा कि ऐसे सभी प्रश्नों जिनके उत्तर संबंधित विभागों से नहीं मिले, उन्हें विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया जाएगा.