दिल्ली के वसंत कुंज में रेयान इंटरनेशनल स्कूल में मृत पाए गए 6 साल के दिव्यांश की मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिव्यांश पूरी तरह फिट था, जबकि स्कूल के प्रिंसिपल ने उसे हाइपर एक्टिव बताया था.
डॉक्टरों ने बताया दिव्यांश को फिट
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दिव्यांश पूरी तरह फिट था, उसे कोई बीमारी नहीं था. यह हादसा पूरी तरह स्कूल की लापरवाही के चलते हुआ. रेयान स्कूल मामले में पुलिस की शुरुआती
जांच में स्कूल की लापरवाही की बात तो पहले ही सामने आ चुकी थी, जिसके बाद स्कूल प्रशासन लगातार ये बात कह रहा था कि दिव्यांश हाइपर एक्टिव था और वो आए दिन क्लास से गायब हो जाता था. वहीँ इस
घटना के बाद मंगलवार को जब स्कूल खुला तो कई पेरेंट्स स्कूल पहुंचे और उन्होंने भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर जताया.
फोरेंसिक टीम ने किया स्कूल का मुआयना
मंगलवार की सुबह स्कूल में सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) और पुलिस की टीम भी पहुंची और फिर से क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया. अभी तक इस मामले में 40 लोगों से पूछताछ हो चुकी है. वैसे
इस मामले में स्कूल का रवैया हैरान करने वाला है क्योंकि स्कूल ने घटना की जांच से पहले ही घोषित कर दिया की दिव्यांश हाइपर एक्टिव है. जल्द ही एम्स के डॉक्टरों की टीम मौके का मुआयना करेगी और जांच
करेगी कि स्कूल में मेडिकल की क्या व्यवस्था है.
स्कूल ने दिव्यांश की डायरी का भी हवाला दिया
स्कूल प्रशासन ने हाल में अपने बचाव में दिव्यांश की क्लास डायरी का हवाला दिया. डायरी में उसकी अनुशासनहीनता को लेकर दर्ज नोटिंग के जरिए स्कूल ने बचाव किया है. पुलिस मामले में आगे स्कूल स्टाफ के दावों
का मिलान डॉक्टर के बयान से करेगी. जांच में जुटी पुलिस को स्कूल के एंफीथियेटर के पास सीसीटीवी कैमरे नहीं मिले हैं. स्कूल लॉबी की फुटेज जरूर मिली है, जिसके आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ रही है. इससे पहले
दौसा में दिव्यांश का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
शनिवार को हुई थी दिव्यांश की मौत
रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ने वाला दिव्यांश शनिवार को स्कूल के सेप्टिक टैंक में गिर गया था. मामले में पुलिस को पहली जानकारी स्कूल प्रशासन की बजाय अस्पताल से मिली थी. मासूम को जब
अस्पताल ले जाया गया था उस वक्त वो दम तोड़ चुका था. अभी तक की जांच में जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक स्कूल में जिस जगह यह हादसा हुआ उस वाटर टैंक के पास चेतावनी का कोई बोर्ड तक नहीं
था.