रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युम्न की हत्या पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चिंता जाहिर की है. आयोग की मुखिया स्तुति कक्कड़ ने इस वारदात के लिए स्कूल प्रशासन को जिम्मेदार बताया.
NCPCR की मुखिया ने कहा कि स्कूल ने एहतियात के तौर पर कोई सावधानी नहीं बरती. आजतक से बातचीत में स्तुति कक्कड़ ने कहा, 'ये स्कूलों के अंदर बच्चों की सुरक्षा का मामला है. रेयान में हुई घटना हम सबके लिए चौंकाने वाली थी कि कैसे आखिर किसी स्कूल में किसी बच्चे की हत्या हो सकती है'.
स्कूल जाकर लिया जायजा
NCPCR की टीम ने मौके पर जाकर स्कूल का जायजा भी लिया. स्तुति कक्कड़ ने कहा, 'राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कई बार निजी स्कूलों को निर्देश भेजें हैं कि वो गैर पठन-पाठन स्टाफ की जांच और उनका पुलिस वेरिफिकेशन कराएं. आयोग द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रांसपोर्टर, सुरक्षा गार्ड और माली जैसे स्टाफ को लेकर उनका वेरिफिकेशन कराया जाए'.
उन्होंने ये भी कहा, 'सामान्यतः स्कूल नॉन एकेडमिक स्टाफ के बारे में नहीं सोचते. पास्को के तहत होने वाले मामलों पर ध्यान देना चाहिए. हमने राज्य सरकारों और राज्य में बच्चों की सुरक्षा पर नजर रखने वाली संस्थाओं और आयोग को कई चिट्ठियां लिख कर ऐसी घटनाओं पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं'.
2016 में लिखी थी चिट्ठी
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जून 2016 में प्राइमरी और सेकेंडरी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में आयोग ने दिल्ली, भोपाल और रांची के स्कूलों में हुए हादसों को लेकर निर्देश जारी किए थे, जिसमें इन स्कूलों को खासकर सभी स्टाफ के वेरिफिकेशन के निर्देश दिए गए थे. इस चिट्ठी में नॉन एकेडमिक स्टाफ की वेरिफिकेशन पर भी जोर दिया गया था. साथ ही स्कूलों से कहा गया था कि किसी भी हालात में पोस्को मामले के तहत किसी भी आरोपी को स्कूल में नौकरी नहीं दी जाए.