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शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने गुरूद्वारा प्रबंधन समिति चुनाव जीती

दस वर्षों के अंतराल के बाद शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने कांग्रेस समर्थित गुट को पराजित कर दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है.

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दस वर्षों के अंतराल के बाद शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने कांग्रेस समर्थित गुट को पराजित कर दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है.

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बीजेपी समर्थित शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के 46 सीटों के लिए हुए चुनाव में 37 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस समर्थित सत्तारूढ शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) को आठ सीट ही हासिल हुई. शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के पास अभी 27 सीटें थी.

एक सीट केंद्रीय श्री गुरू सिंह सभा को गई जबकि दशमेश सेवा सोसाइटी अपना खाता खोलने में विफल रही.

चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के परमजीत सिंह सरना सबसे अधिक अंतर से पराजित हुए, उन्हें शिरोमणि अकाली दल (बादल) के मनजिन्दर सिंह ने पराजित किया. सिख समुदाय के शक्तिशाली निकाय डीएसजीएमसी का चुनाव रविवार को हुआ था, जिसके लिए चार महिलाओं समेत 265 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे.

गुरूद्वारा चुनाव महानिदेशालय के निदेशक जी पी सिंह ने कहा, ‘सरना को 4,552 मत मिले, वहीं सिंह को 9,006 मत प्राप्त हुए. सिंह ने सरना को 4,454 मतों से पराजित किया.’ कांग्रेस ने चुनाव परिणाम को कोई तवज्जो नहीं देते हुए दावा किया कि इससे दिल्ली में विधानसभा चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. दिल्ली में सिखों का अच्छी आबादी है.

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मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संसदीय सचिव मुकेश शर्मा ने कहा, ‘कांग्रेस का डीएसजीएमसी के चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. यह सिख समुदाय के धार्मिक निकाय का चुनाव है जिसमें हमारी पार्टी ने प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा नहीं लिया. इसलिए पार्टी ने विधायक तरविंदर सिंह को चुनाव लड़ने से नहीं रोका.’

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विजेन्दर गुप्ता ने कहा, ‘पिछले वर्ष नगर निकाय चुनाव के बाद अब कांग्रेस का पराभव शुरू हो गया है.’ बीजेपी ने इसे दीक्षित और गुरूद्वारा मामलों के प्रभारी एवं प्रदेश के मंत्री अरविंदर सिंह लवली की निजी पराजय करार दिया.

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