दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के दो रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
गुरुवार को अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो जाने के बाद मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर हमला कर दिया. जिससे डॉक्टर घायल हो गए.
इस घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया. डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें कार्य स्थल पर सुरक्षा मुहैया करवाई जाए.
Delhi:Two resident doctors of Safdarjung hospital injured in an attack by relatives of a patient who passed away during treatment at the hospital,today.Resident Doctors Association has called for an indefinite strike (including emergency services) demanding security at work place pic.twitter.com/uYIY1R4oWY
— ANI (@ANI) August 29, 2019
डॉक्टर कार्यस्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लंबे अरसे से मांग करते रहे हैं. मरीजों के साथ किसी भी तरह की घटना होने पर डॉक्टरों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है. कोई सुरक्षा व्यवस्था न होने की वजह से अस्पताल का गुस्सा परिजन डॉक्टरों पर दिखाते हैं. ऐसे में डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था की मांग जायज है.
पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थिति नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से मारपीट के मामले ने हाल ही में तूल पकड़ा था. इस घटना के बाद देशव्यापी हड़ताल के मामले सामने आए थे. पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक के डॉक्टरों ने हड़ताल की थी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 14 बड़े अस्पतालों समेत 18 अस्पतालों ने भी हड़ताल पर रहने का ऐलान किया था.
आपको बता दें कि 10 जून को नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय मरीज की मौत हो गई थी. इससे गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल में पहुंचकर डॉक्टरों को गालियां दी थी. इसके बाद डॉक्टरों ने माफी मांगने को कहा. उन्होंन कहा कि जब तक मृतक के परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हैं, तब तक हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे. डॉक्टरों के इस रुख की आलोचना पूरे देश में हुई थी.