दिल्ली के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार किए जाने वाले सफदरजंग हॉस्पिटल में बीते बुधवार शाम से ही रेजीडेंट डाक्टर्स हड़ताल पर थे. उन्होंने गुरूवार की शाम अपनी हड़ताल वापस ले ली. हालांकि एक दिन की ही स्ट्राइक में सफदरजंग अस्पताल में स्थिति बिगड़ने लगी थी. बड़ी तादाद में मरीज बगैर इलाज के वापस जाने को मजबूर थे.
अस्पताल में निकाला मार्च
सुरक्षा की मांग को लेकर रेजीडेंट डाक्टर्स ने सफदरजंग अस्पताल के अंदर मार्च निकाला. हॉस्पिटल के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डाक्टर धीर सिंह ने बताया कि मरीजो की हालत को देखते हुए उन्होंने स्ट्राइक वापस ले ली है. दिल्ली में इस वक्त डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी फैली हुई हैं. बड़ी तादाद में मरीज आ रहे थे. ऐसे में उन्होंने फिलहाल स्ट्राइक वापस ले ली है. डॉक्टर धीर सिंह ने बताया कि फिलहाल एमएस ने उन्हें सिक्योरिटी के लिए 100 एडिशनल गार्ड देने की बात कही है और उनकी दूसरी मांगों को लेकर भी आश्वासन दिया गया है.
महिला डॉक्टर के साथ हुई थी मारपीट
दरअसल, बुधवार की दोपहर में अस्पताल में काम कर रही महिला डॉक्टर से एक पेशेंट के तीमारदार ने मारपीट की थी. उसी को लेकर डॉक्टरों में गुस्सा फूट पड़ा था. डॉक्टरों ने तुरंत स्ट्राइक की घोषणा कर दी थी. बताया गया कि महिला डॉक्टर अपने शिफ्ट खत्म होने के बाद भी मरीजों की संख्या को देखते हुए लगातार काम कर रही थी. ऐसे में एक तीमारदार ने रौब झाड़ते जल्द इलाज के लिए ड्यूटी कर रही महिला डॉक्टर से मारपीट की थी.
एक दिन में ही हुआ मरीजो का बुरा हाल
13 साल की बच्ची रश्मि को पीलिया हो गया है वह ठीक ढंग से खड़ी भी नहीं हो पा रही है. उसके परिवार के लोग सुबह से ही लाइन में लगे हैं. जब पर्चा बना तब उन्हें बताया गया कि आज डॉक्टर हड़ताल पर हैं. वे वहां से वापस चले जाएं. परिजन मायूस हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए.
इसी तरह बागपत से एक दंपत्ति आए हैं. पत्नी को लीवर और किडनी की समस्या है. सुबह 7:00 बजे से पर्चा बनवाने के बाद जब डॉक्टर के पास पहुंचे तो पता चला कि डॉक्टर हडताल पर हैं. मजबूरी में अब वापस जाना पड़ रहा है.