1984 के सिख दंगा केस में पहले कोर्ट में करीब 2 बजे सुनवाई शुरू हुई. सज्जन कुमार कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने कहा कि दंगों के वक्त मैं मौजूद नहीं था बल्कि मैंने तो दंगा पीडितों की मदद की थी.
जिरह के बाद करीब आधे घंटे के भीतर ही कोर्ट ने सज्जन कुमार को बरी करने का फैसला सुनाया. जज के फैसले को सुनकर सज्जन कुमार को कोर्ट रूम में ही आंसू आ गए, वो रोने लगे तो उन्हें पानी पिलाया गया.
अदालत का फैसला आने के बाद उस समय हंगामा शुरू हो गया जब कोर्ट रुम मे एक शख्स घुस आया और उसने गूस्से में अपना जूता निकाला और सज्जन कुमार की ओर उछाला. जूता उछालने वाले व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हंगामा बढ़ने लगा तो पुलिस ने कोर्ट के पिछले दरवाजे से सज्जन कुमार को बाहर निकाला.