नोटबंदी के ऐलान के बाद मोदी सरकार ने कई बार नियम बदले ताकि आम लोगों की परेशानियां कम हो सकें, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट है. आरबीआई के नियम को नजरअंदाज कर बैंक अपने ही बनाए नियम ग्राहकों पर थोप रहा है. नोटबंदी के 22वे दिन 'आज तक' की टीम ने दिल्ली के अलग-अलग बैंक का रिएलिटी चेक किया. इस दौरान बैंक में कैश न होने की बड़ी समस्या सामने आई है.
साउथ दिल्ली के साकेत में पंजाब नेशनल बैंक के बाहर सुबह से लोग लंबी कतार में बैंक खुलने का इंतजार करते मिले. इस दौरान एक बच्चा स्कूल ड्रेस में बैंक में रुपये जमा कराने के किये कतार में खड़ा नजर आया. लंबी कतार के डर से इस स्कूली बच्चे ने सुबह से बैंक के बाहर डेरा जमाए लिया. जबकि इसका स्कूल दोपहर 1 बजे से शुरू होता है.
पंजाब नेशनल बैंक के बाहर गिरिराज नाम के एक शख्स से आज तक ने बातचीत की. गिरिराज एयरपोर्ट में इंडिगो एयरलाइन में काम करते हैं और पिछले 3 दिन से बैंक आ रहे हैं लेकिन बैंक में कैश न होने की वजह से अपनी अक्टूबर महीने की सैलरी तक नहीं निकलवा पाए हैं. गिरिराज ने बताया कि बैंक अपनी मर्जी से नियम बदल रहा है. उन्हें बैंक से 24 हजार रुपए निकालने हैं लेकिन बैंक ने 10 हजार रुपये की लिमिट तय कर दी है.
साकेत के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाहर भी ऐसी तस्वीर सामने आई. यहां लोग सुबह 6 बजे से रुपये निकालने के लिए कतार में खड़े दिखे. लेकिन बैंक के दरवाजे जैसे ही 10:30 बजे खुलते हैं, बैंक के अधिकारी कैश न होने का ऐलान कर देते हैं. लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से बैंक के साथ साथ एसबीआई के एटीएम में भी कैश नहीं है.
आज तक की टीम सुबह 11:30 बजे साउथ एक्सटेंशन पहुंची तो HDFC बैंक के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था. इसकी बड़ी वजह बैंक और एटीएम में कैश न होना है. बैंक ने बाकायदा एंट्री गेट पर कैश न होने का नोटिस लगाया हुआ है. साउथ एक्सटेंशन में एक्सिस बैंक, सिटी बैंक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई जैसे नामचीन बैंक हैं, लेकिन 22 दिन गुजर जाने के बाद भी पर्याप्त कैश इन बैंक तक नहीं पहुंच पाया है.