देश की राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप अपने चरम पर है. इस बीच दिल्ली सरकार ने हर विधानसभा में मच्छर मारने के लिए फॉगिंग मशीन खरीदने का फैसला किया है. हालांकि सवाल ये उठता है कि फॉगिंग मशीन चलाने वाले एक्सपर्ट स्टाफ की जरूरत को केजरीवाल सरकार कैसे पूरा करेगी.
WHO के नियम से होगी फॉगिंग
बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 'आज तक' से खास बातचीत में कहा कि सरकार एक विधानसभा के अंदर 5 से 10 मशीनें लाने जा रही है. इसके अलावा बड़ी मशीनें जो ट्रक के साथ होती हैं, उनका इस्तेमाल भी सरकार कई इलाकों में करेगी. सितंबर के मौसम में फॉगिंग कराने का कितना फायदा है और सेहत पर इसका कितना नुकसान हो सकता है, इस सवाल के जवाब में सत्येन्द्र जैन ने कहा कि जो WHO का नियम है उसके हिसाब से ही फॉगिंग की जाएगी. दवाई की मिक्सिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
'एमसीडी राजनीति करती रही'
डेंगू और चिकनगुनिया फैलने की एक बड़ी वजह ये है कि इसके रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कई बड़े कदम को अप्रैल या मई महीने में ही पूरा किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्यों नहीं हुआ इस सवाल के जवाब में सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अंदर मच्छर इतने ज्यादा हैं कि आपको देखना होगा कि मच्छर क्यों पैदा हुए. एमसीडी ये काम नहीं कर पा रही है, इसलिए तो दिल्ली सरकार ने जिम्मा लिया है. हम कह रहे हैं सब मिलकर काम करेंगे, एमसीडी को काम करना चाहिए था लेकिन वो राजनीति की वजह से नहीं कर पाए.
600 फॉगिंग मशीन का होगा इस्तेमाल
स्टाफ की कमी को दूर करना केजरीवाल सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा. सरकार ने 600 फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल पूरा शहर में करने का प्लान बनाया है, इसलिए सरकार को ऐसे एक्सपर्ट की जरूरत होगी, जो फॉगिंग मशीन चलाना जानते हों. सवाल पूछने पर सत्येंद्र जैन का कहना है कि टेंडर भले न निकाला जाए, लेकिन अस्थायी स्टाफ के सहारे इस कमी को पूरा किया जाएगा.