सुप्रीम कोर्ट ने नर्सरी में प्रवेश प्रक्रिया के बीच में ही नियमों में बदलाव करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर आज सवाल उठाया और कहा कि सभी स्कूलों में पांच से छह सीटें बढ़ाने पर विचार किया जाए ताकि छात्रों के हितों की रक्षा करते हुए अंतरराज्यीय स्थानांतरण मामलों को जगह मिल सके.
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार से कहा कि इस पर परामर्श करके कल न्यायालय को सूचित किया जाए कि क्या वह इस साल प्रवेश के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में है. न्यायाधीशों ने कहा कि हम छात्रों के हित की रक्षा करना चाहते हैं. प्रक्रिया में सुधार के नाम पर दिल्ली सरकार ने अधिक समस्याएं पैदा कर दी हैं. जब प्रवेश की सारी प्रक्रिया पूरी हो गई थी तो अचानक ही आप एक नई अधिसूचना लेकर आ गए.
न्यायाधीशों ने कहा कि आपने बीच में ही नियम बदल दिए. न्यायालय ने कहा कि वर्ष के लिए सरकार को प्रत्येक स्कूल में नर्सरी में प्रवेश के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने पर विचार करना चाहिए ताकि दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों को जगह मिल सके. न्यायाधीशों ने कहा कि इस समय अब वे कहां जाएंगे. माता पिता बेकार के मुकदमे पर अपना धन खर्च कर रहे हैं. शीर्ष अदालत ने 11 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट के तीन अप्रैल के निर्देशों के अमल पर रोक लगा दी थी.
इस वजह से स्कूलों में नर्सरी में प्रवेश का मामला अधर में लटक गया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि पड़ोस और दूसरी श्रेणियों के लिए आवेदन करने वाले और लॉटरी में चयनित बच्चों को प्रवेश दिया जाए. शीर्ष कोर्ट ने देश के दूसरे स्थानों से यहां आए अभिभावकों की अपील पर यह आदेश दिया था.