सुप्रीम कोर्ट ने उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमोद कंठ के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है. जज केएस राधाकृष्णन और एके सीकरी की खंडपीठ ने कंठ की याचिका पर सीबीआई से भी जवाब तलब किया है. अमोद कंठ ने उपहार सिनेमा में अतिरिक्त सीटें लगाने की अनुमति मामले में निचली अदालत द्वारा 2010 में उन्हें तलब करने के आदेश को चुनौती दी है. 1997 में हुए इस अग्निकांड में 59 दर्शकों की मृत्यु हो गई थी.
इससे पहले, आमोद कंठ ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. राहत नहीं मिलने पर उन्होंने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की. कंठ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र शरण और वकील सोमश झा ने शुक्रवार को न्यायालय से कहा कि हाई कोर्ट ने इस तथ्य पर गौर नहीं किया कि सीबीआई उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए स्वीकृति लेने में विफल रही है. अग्निकांड के पीडि़तों के अनुरोध पर ही निचली अदालत ने 12 अगस्त 2010 को अमोद कंठ को सम्मन जारी किया था.
हाई कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया था कि उपहार सिनेमा में अतिरिक्त सीटें लगाने की अनुमति देने के मामले में उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता क्योंकि जांच एजेंसी ने इसके लिए मंजूरी हासिल नहीं ली है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर वह निचली अदालत में यह सवाल उठायेंगे तो वहीं पर इस मसले पर विचार किया जा सकता है. हाई कोर्ट ने कंठ की इस दलील को भी ठुकरा दिया था कि उन्हें क्लीन चिट देने वाली सीबीआई की मामला बंद करने की रिपोर्ट अस्वीकार करके निचली अदालत ने गलती की है.