दिल्ली के प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के स्पेशल बेंच ने साफ कर दिया कि वो प्राइवेट डीजल टैक्सियों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए समय सीमा का विस्तार नहीं करेगा. इससे अब दिल्ली-एनसीआर में 1 मई से डीजल की टैक्सियां नहीं चल पाएंगी.
डीजल टैक्सियों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए समय सीमा शनिवार को खत्म हो रही है. टैक्सी मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी कि मार्केट में डीजल कारों को सीएनजी में बदलने की कोई तकनीक नहीं है.
#Flash SC refused to extend deadline for conversion of private diesel taxis into CNG.
— ANI (@ANI_news) April 30, 2016
कोर्ट का और समय देने से इनकार
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टैक्सी मालिका से कहा कि आपको काफी समय दिया जा चुका है. अब तक आपको इसके विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए था. अब हम सुनवाई के लिए आपको और अधिक समय नहीं दे सकते. बाद में आएं. एक मोटे अनुमान से लगभग 70 हजार डीजल टैक्सियां हैं. अखिल भारतीय पर्यटक परमिट की करों को छूट दी गई है. रेडियो टैक्सी की तरह शहर के परमिट वाली टैक्सियों को छूट है. जबकि ओला और उबेर को अपनी टैक्सियां सीएनजी में बदलवानी होंगी.
दिल्ली पुलिस को डीजल वाहनों की अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने हरित उपकर के भुगतान पर दिल्ली पुलिस को 2000 सीसी या इससे अधिक सीसी के उसके 190 डीजल वाहनों के पंजीकरण की अनुमति दी. उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली जल बोर्ड को भी डीजल चालित पानी के उसके नए टैंकरों का परिवहन प्राधिकरण में पंजीकरण कराने की अनुमति दी. डीजेबी को हरित उपकर के भुगतान से छूट दी गई.