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सरकारी खजाने से निकली रकम का ब्यौरा ना देने पर केंद्र पर 25 हजार रुपये का जुर्माना

इसी साल अगस्त में कोर्ट ने सरकार से जवाब देने के लिए कहा था, लेकिन सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया. इससे पहले भी कोर्ट सरकार पर 10 हजार का जुर्माना लगा चुकी है.

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

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सरकारी खजाने (ट्रेजरी) से निकली रकम के खर्च का ब्यौरा सीएजी को अनिवार्य रुप से देने के मामले में केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने मामले में सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था. ऐसा नहीं करने पर कोर्ट ने जुर्माना लगाया है.

इसी साल अगस्त में कोर्ट ने सरकार से जवाब देने के लिए कहा था, लेकिन सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया. इससे पहले भी कोर्ट सरकार पर 10 हजार का जुर्माना लगा चुकी है.

मो. शाहिद अनवर नाम के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि सीएजी को ट्रेजरी से निकले रकम के खर्च का पूरा ब्यौरा अनिवार्य तौर पर सरकार को समय से देना चाहिए. याचिका के मुताबिक, सरकार चाहती है तभी वो खर्च का ब्यौरा सीएजी को देती है. ब्यौरा देने की कोई बाध्यता नहीं है कि सरकार ब्यौरा सीएजी को दे.

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याचिकाकर्ता ने मांग की है कि अन्य देशों की तरह सीएजी को अधिकार होना चाहिए कि खर्च का ब्यौरा सरकार से ले सके. जिसके लिए सीएजी एक्ट में जरूरी बदलाव किया जाए और दिशा-निर्देश सुप्रीम कोर्ट जारी करे.

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