दिल्ली में एक नया घोटाला सामने आया है. इस घोटाले का संबंध है वृद्धावस्था पेंशन से. दरअसल दिल्ली में 70 साल से ऊपर दो तिहाई वैसे बुजुर्ग सरकार को मिल ही नहीं रहे जो हर महीने डेढ़ हज़ार रुपए की पेंशन लेते हैं.
सरकार ने आंगनबाड़ी की मदद से पूरी दिल्ली में एक सर्वे करवाया. सर्वे 70 साल से ऊपर उम्र वालों का पता लगाने के लिए किया गया, जिन्हें सरकारी पेंशन मिलती है. ऐसे तकरीबन एक लाख 75 हजार लोग सरकार के साथ रजिस्टर्ड हैं. लेकिन जब सरकार ने सर्वे किया तो इनमें से महज 68 हजार लोग ही अपने दिए पते पर मिले.
चौंकाने वाली बात तो ये है कि दस हजार लोग ऐसे पाए गए जिनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके नाम पर अब भी पेंशन जाता है. अब सरकार बचे एक लाख से ज्यादा लोगों का पता लगाने में जुटी है, जो अब तक ना तो मृत साबित हुए हैं और न ही दिए पते पर मिले हैं. इनका पता लगाने के लिए आने वाले दिनों में सरकार एक विज्ञापन भी निकालेगी.
सरकार इस पूरे मामले की जांच में भी जुट गई है कि आखिरकार इतने बड़े पैमाने पर गलत ढंग से लोग कैसे पेंशन ले रहे हैं. सूत्रों की माने तो सरकार इस तरीके से घोटाला करने वाले अधिकारियों और फायदा पाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है.