नए मोटर व्हीकल एक्ट का देश भर के अलग-अलग राज्यों में भी विरोध हो रहा है. राज्य सरकारें भी इसे पूरी तरह से लागू करने से हिचक रही हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड और हरियाणा में भी इन दरों को लागू करने में ढील देने की अपील की गई है, लेकिन दिल्ली में मामला अलग है. लोग आपत्ति जता रहे हैं कि चालान की दरों के हिसाब से न तो सड़कें हैं, न ही प्रति व्यक्ति आय. इसलिए केंद्र सरकार के नए एक्ट का विरोध हो रहा है.
दिल्ली में बढ़े हुए दामों के हिसाब से चालान काटे जा रहे हैं. यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने गुरुवार को एक दिन की हड़ताल बुलाई है. इस हड़ताल के कारण आम लोगों पर काफी प्रभाव पड़ सकता है. दरअसल, हड़ताल के दौरान गुरुवार को सुबह 6 बजे से प्राइवेट कैब, ऑटो, बस (स्कूल बस समेत), पर्यटक बसें और टैक्सी सेवाएं प्रभावित होंगी.
कई राज्यों ने लागू करने से किया इनकार
1 सितंबर से लागू हुए नए नियम के बाद देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर यातायात का नियम तोड़ने पर लाखों रुपये का जुर्माना देना पड़ा है. कई राज्य नए नियम को लागू करने से इनकार कर चुके हैं. इसमें बीजेपी शासित राज्य भी हैं. वहीं कुछ ऐसे भी राज्य हैं जो कम जुर्माने के साथ नए नियम को लागू किए हैं.
बढ़े हुए जुर्माने पर हो रहा चालान
नए नियम के तहत सीट बेल्ट न लगाने पर जुर्माना 1000 रुपये कर दिया गया है. पहले ये 100 रुपए था. रेड लाइट जंप के लिए पहले जुर्माना 1000 रुपये था, अब 5000 रुपये देने होंगे. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहले अपराध के लिए 6 महीने की जेल और 10,000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. जबकि दूसरी बार ये गलती करते हैं तो 2 साल तक जेल और 15,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा.बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 500 रुपये की जगह अब 5,000 रुपये जुर्माना देना होगा.