सर्वोच्च न्यायालय ने सीलिंग के मसले पर अहम सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को 50,000 का जुर्माना लगाते हुए कड़ी फटकार भी लगाई. इसी सिलसिले में विपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं.
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केजरीवाल सरकार को सीलिंग पर आईना दिखा दिया गया. उसे अब ईमानदारी से अपनी गिरेबान में झांककर देख लेना चाहिए. अब यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार संकीर्ण राजनीति कर रही थी.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि न्यायालय ने सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना ठोकते हुए, उसे खरी-खोटी सुनाते हुए ठीक ही कहा कि उसने सीलिंग अभियान के संबंध में अभी तक कोई विस्तृत एक्शन प्लान नहीं सौंपा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने केजरीवाल सरकार द्वारा एक्शन न लेने पर उसे सही फटकार लगाई है.
बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार तीन साल के कार्यकाल के बावजूद आज तक 351 सड़कों को लेकर राजनीति करती आ रही थी और कोई काम नहीं किया है. वह सीलिंग को लेकर संकीर्ण राजनीति कर रही है. उम्मीद है कि केजरीवाल सरकार अब राजनीति छोड़कर दिल्ली के व्यापारियों के हित में संवेदनशीलता पूर्वक काम करेगी.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा, हम लगातार कह रहे थे कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के व्यापारियों का पक्ष अच्छी तरह से नहीं रख रही है और आज सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार ने यह साबित कर दिया है. बीजेपी काफी समय से यह बात कहती रही है कि केजरीवाल सरकार दरअसल चाहती है कि दिल्ली में सीलिंग होती रहे और इल्जाम केंद्र सरकार पर लगता रहे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का इरादा दिल्ली में सीलिंग रुकवाना नहीं, बल्कि केंद्र सरकार पर इल्जाम लगाना है.