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सीलिंग पर हरदीप पुरी से मिला मनोज तिवारी की अगुवाई में बीजेपी प्रतिनिधिमंडल

मनोज तिवारी और उनके साथ में गए प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री महोदय को इस बात से अवगत कराया कि दिल्ली के व्यापारी, विशेष रूप से अमर कालोनी और आजादी के बाद बनी शरणार्थी पुनर्वास कालोनियों जैसी डबल स्टोरी कालोनियों में व्यापारी डर के वातावरण में काम कर रहे हैं.

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हरदीप सिंह पुरी से मिलता बीजेपी प्रतिनिधिमंडल
हरदीप सिंह पुरी से मिलता बीजेपी प्रतिनिधिमंडल

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दिल्ली में जारी सीलिंग के मसले पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में मंगलवार को दिल्ली बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मिला.

मनोज तिवारी और उनके साथ में गए प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री महोदय को इस बात से अवगत कराया कि दिल्ली के व्यापारी, विशेष रूप से अमर कालोनी और आजादी के बाद बनी शरणार्थी पुनर्वास कालोनियों जैसी डबल स्टोरी कालोनियों में व्यापारी डर के वातावरण में काम कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि कई दुकानें पहले से ही सील की जा चुकी हैं. ऐसे में ना सिर्फ स्थानीय बल्कि अंतर्राज्यीय व्यापार पर भी सीलिंग के कारण बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और करोड़ों रुपये का व्यापार इससे अब तक प्रभावित हो चुका है.

बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से अपील की है कि वो सीलिंग की समस्या का जल्द से जल्द कानूनी समाधान ढूंढ़ने की कोशिश करें. इसके अलावा बीजेपी ने मंत्री हरदीप पुरी से मांग की है कि केंद्र सरकार सील हुए प्रतिष्ठानों को सशर्त अस्थायी रूप से डी-सील करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाज़त मांगे.

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हरदीप सिंह पुरी ने बीजेपी प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार इस मामले पर विचार कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के सामने सीलिंग का कानूनी समाधान पेश करने की कोशिश कर रही है.

मंगलवार को हुई सीलिंग

दरअसल मंगलवार को अचानक केंद्रीय मंत्री से मिलने के पीछे मंगलवार को साउथ दिल्ली में हुई सीलिंग भी एक बड़ी वजह बताई जा रही है. मंगलवार को साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के सुखदेव विहार और कालकाजी में कुल 54 संपत्तियों को सील किया गया.

सुखदेव विहार-न्यू फ्ररेंडस कालोनी में जहां 24 संपत्तियों को सील किया गया तो वहीं कालकाजी में 30 संपत्तियों को स्टिल्ट पार्किंग में जारी दुरुपयोग के कारण सील किया गया. यहां स्टिल्ट पार्किंग में ज्यादातर सर्वेंट कमरे और अन्य कमरे अवैध तरीके से बने थे.

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