सीलिंग को लेकर बरकरार राजनीतिक हलचल के बीच आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की 351 सड़कों को अधिसूचित करने की फ़ाइल एलजी अनिल बैजल को भेज दी है. दिल्ली सरकार के मुताबिक मंगलवार 6 फरवरी को एमसीडी से सर्वे रिपोर्ट मिलने के 24 घण्टे के भीतर शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन की तरफ से अनुमति के लिए फ़ाइल को एलजी दफ़्तर को भेज दिया गया है.
एलजी दफ़्तर को फ़ाइल भेजने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा 'जितनी जल्द उपराज्यपाल कार्यालय से यह फ़ाइल पास होकर वापस आएगी, दिल्ली सरकार फ़ाइल को बिना देर किए सुप्रीम कोर्ट को भेज देगी ताकि जल्द-जल्द से इन 351 सड़कों को अधिसूचना के दायरे में लाया जा सके'.
बुधवार को आम आदमी पार्टी के 36 विधायकों ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को सीलिंग से जल्द निपटने के सुझाव भी दिए. 'आप' विधायक और डीडीए सदस्य सोमनाथ भारती के मुताबिक ‘सीलिंग का सारा समाधान दिल्ली के मास्टर प्लान में मौजूद है. बदलाव करने के बाद उन्हें क्रियान्वित करने में वक्त लगेगा लेकिन अगर संसद में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से कानून को संशोधित करती है तो दिल्ली में सीलिंग तुरंत प्रभाव से रुक सकती है.Within one hour of the file pertaining to change of land use of 351 roads, which was pending since 2006 with MCDs, being put upto Urban Development minister @SatyendarJain, the minister has recommended the file for LG's approval. Minister was constantly following it with MCDs
— Nagendar Sharma (@sharmanagendar) February 7, 2018
डीडीए को आम आदमी पार्टी विधायकों का सुझाव है कि अगर डीडीए दिल्ली के बाज़ारों में मौजूद दूसरे और तीसरे तल की दुकानों का FAR बढ़ा देती है तो सीलिंग को रोका जा सकता है. इसके अलावा ई, एफ़ और जी कैटेगरी की सड़कों पर सर्वे कराके यह देखा जाए कि अगर उनमें से कोई सड़क 70 प्रतिशत से ज्यादा व्यवसायिक है तो उसे अधिसूचित करके ही व्यावसायिक कर दिया जाए.
इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी राज्यसभा में सीलिंग का मुद्दा उठाया. संजय सिंह ने राज्यसभा में कहा कि 'दिल्ली में भाजपा के पास एमसीडी है, भाजपा के पास डीडीए है और केंद्र की इसी सरकार के कारण ही दिल्ली में व्यापारियों के धंधे उजड़ रहे हैं. भाजपा सरकार ने पहले नोटबंदी से व्यापारियों की कमर तोड़ी, फिर जीएसटी से धंधा चौपट किया, रिटेल में एफ़डीआई लाकर बचे-खुचे व्यापार को समेटने का काम किया और अंत मे सीलिंग करके उनकी दुकानों को ही बंद कर दिया गया.
उधर नेता विपक्ष और बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार पर लेटलतीफी का आरोप लगाया है. विजेंदर गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार 351 सड़कों को नोटिफाई करने की फ़ाईल दबा कर बैठी थी. विपक्ष के दबाव में दिल्ली सरकार को यह फाइल स्वीकृत कर एलजी को भेजनी पड़ी. गुप्ता ने इस मसले पर आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता से माफी मांगने को कहा है. विजेंदर गुप्ता के मुताबिक 'आप' ने मामले में जानबूझकर देरी करी ताकि व्यापारियों को भाजपा के खिलाफ भड़काया जा सके.
इसके अलावा नार्थ एमसीडी में स्थायी समिति अध्यक्ष तिलकराज कटारिया ने कहा है कि यदि साल 2007 और 2009 में कांग्रेस की सरकार और उसके बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने यदि समय रहते सड़कों को नोटिफाई कर दिया होता तो आज 351 सड़कों में व्यापार करने वालों पर सीलिंग की तलवार ना लटक रही होती.