सुप्रीम कोर्ट से मास्टरप्लान में बदलाव पर लगी रोक के बाद आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर हमला तेज कर दिया है. 'आप' नेताओं ने एक बाए फिर सीलिंग के जिन्न से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार के सामने अध्यादेश लाने की मांग रखी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश व्यापारियों ने सीलिंग के खिलाफ महापंचायत करने का ऐलान किया है.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने बीजेपी को कोसते हुए कहा कि बीजेपी ने दिखावा करने के लिए ही मास्टर प्लान में संशोधन के माध्यम से सीलिंग का समाधान करने का दावा किया था. लेकिन उनका नाटक अब सबके सामने आ गया है.
आम आदमी पार्टी तो पहले से ही कह रही थी कि अगर निगम तत्काल कन्वर्जन चार्ज माफ कर देता है तो फौरी तौर पर ही सही लेकिन सीलिंग से राहत मिल जाएगी और उसके बाद भाजपा की ही केंद्र सरकार अगर सीलिंग को लेकर अध्यादेश ले आती है तो सीलिंग का स्थाई समाधान हो सकता है, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही है.
पार्टी नेताओं का आरोप है कि भाजपा शासित नगर निगमों ने संयुक्त संत्र बुलाने का नाटक किया जो सिर्फ व्यापारियों को बरगलाने के लिए और उन्हें भ्रमित करने के लिए था, आम आदमी पार्टी ने पहले ही बता दिया था कि इसका स्थाई समाधान आखिर कैसे निकलेगा लेकिन बीजेपी सीलिंग का समाधान निकालने के लिए गंभीर ही नहीं है.
आम आदमी पार्टी के विधायक और डीडीए के सदस्य सोमनाथ भारती ने बताया कि मास्टर प्लान में संशोधन से सीलिंग का हल स्थाई तौर पर नहीं निकल सकता. भारती का कहना है कि भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा बगैर अध्यादेश लाए व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिल सकती.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने ये जगजाहिर कर दिया है कि उनकी मंशा व्यापारियों को न तो राहत देने की है और न ही सीलिंग को रुकवाने की है. आज भाजपा के पास सारी एजेंसियां और शक्तियां हैं, लेकिन फिर भी वो कोई काम व्यापारियों के लिए नहीं कर रहे हैं.
उधर व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) के कन्वेनर बृजेश गोयल एवं महासचिव रमेश आहूजा ने बताया कि पिछले ढाई महीने से सीलिंग से परेशान व्यापारियों को उम्मीद थी कि सीलिंग से कुछ राहत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. गोयल के मुताबिक आगे की रणनीति तय करने के लिए सीटीआई अगले हफ्ते में व्यापारियों की एक महापंचायत बुलायेंगे जिसमें तमाम कानूनी प्रावधानों पर चर्चा होगी.