
मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में जनवरी में 12 और चीतों को लाए जाने की संभावना जताई जा रही है. इन चीतों को भी दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जाएगा. 12 चीतों में सात नर और पांच मादा होने की बात कही जा रही है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के सूत्र के अनुसार, कूनो नेशनल पार्क में 12 चीतों को स्थानांतरित करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के साथ चर्चा अगले चरण में है. संभावना है कि चीते जनवरी में पार्क में लाए जा सकते हैं.
छह महीनों से क्वारंटीन है सभी चीते
बताया गया कि कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 20वीं बैठक हुई थी. इसमें 12 चीतों को शामिल करने की तैयारी पर प्रेजेंटेशन दिया गया.
यह भी कहा गया है कि जिन चीतों को भारत लाया जाना है, वे सभी बीते 6 महीने से क्वारंटीन हैं. सूत्रों के मुताबिक, स्पॉटेड फेलाइन के अंतरमहाद्वीपीय हस्तांतरण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होना बाकी है.
भारतीय वन्यजीव संस्थान की भारत में चीता के पुन: परिचय के लिए कार्य योजना (Action Plan for Reintroduction of Cheetah in India) के अनुसार, लगभग 12-14 चीते (8-10 नर और 4-6 मादा) जो एक नई चीता आबादी स्थापित करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं. उन्हें दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और अन्य अफ्रीकी देशों से भारत लाया जाएगा.
पीएम मोदी के जन्मदिन पर कूनो लाए गए थे आठ चीते
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने अपने 72 वें जन्मदिन पर 17 सितंबर 2022 को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में आठ चीते छोड़े थे. इनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे.
दिसंबर में पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने संसद में बताया था कि सभी आठ चीतों को उनके लिए बनाए गए बाड़े में छोड़ दिया गया है. कोई भी चीता अब क्वारंटीन नहीं है. उन्होंने कहा था कि सभी चीते पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं.
70 साल बाद देश में हुई चीतों का वापसी
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई है. अत्यधिक शिकार और मांसाहार खत्म होने के कारण भारत से चीतों का खात्मा हो गया था. साल 1952 में चीतों को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था.