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दिल्ली: कनॉट प्लेस की टनल में बढ़तीं लूट की वारदातें, NDMC पर सवाल

पानी, बिजली और संचार की सभी केबल्स 'सर्विस टनल' के अंदर हैं. अक्टूबर 2015 के बाद से इस सुरंग में 8 लूट की वारदातें हो चुकी है. एमटीएनएल की लगभग 11 लाख की करीब 715 मीटर लंबी केबल को काटकर चोरी कर लिया गया. आखिरी लूट इस साल 15 जनवरी को हुई.

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सुरंग
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दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस की सैकड़ों बड़ी-बड़ी दुकानों और रेस्टोरेंट्स के नीचे 1.25 किमी लंबी भूमिगत सुरंग खतरे की घंटी बजा रही है. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) की अनदेखी के कारण आज ये सुरंग सुरक्षा की दृष्टि से बड़े खतरे के रूप में उभरी है.

पानी, बिजली और संचार की सभी केबल्स 'सर्विस टनल' के अंदर हैं. अक्टूबर 2015 के बाद से इस सुरंग 8 लूट की वारदातें हो चुकी है. एमटीएनएल की लगभग 11 लाख की करीब 715 मीटर लंबी केबल को काटकर चोरी कर लिया गया. आखिरी लूट इस साल 15 जनवरी को हुई.

सबसे ज्यादा चिंता का विषय है कि ये सुरंग सीपी के बीचों-बीच स्थित है, जिसके ऊपर सैकड़ों दुकानें और रेस्टोरेंट्स हैं. राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, पालिका बाजार, ओडियन और पीवीआर प्लाजा सभी इसके ऊपर स्थित हैं. इतना सबकुछ होने के बाद भी यहां सुरक्षा के पूरे इंतजाम नहीं हैं. राष्ट्र विरोधी तत्व आतंकवादी गतिविधियों के लिए आसानी से इसका उपयोग कर सकते हैं.

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15 जनवरी को हुई लूट की घटना के बाद एनडीएमसी के चेयरपर्सन नरेश कुमार यहां पहुंचे और सुरक्षा की कमियों के कारणों को जाना.

एनटीएनएल के पीआरओ संजय वत्स ने मेल टुडे को बताया, '14 जनवरी की रात हमारे लाइनमैन ने जानकारी दी कि जी ब्लॉक, एफ ब्लॉक. सीपी और पालिका बाजार की 691 फोन लाइंस बंद हो गई है. एनडीएमसी के सीनियर इंजीनियर और हमारे अधिकारी तुरंत टनल में अंदर पहुंचे तो पता चला कि चोरों ने एक बार फिर अपना काम कर दिया.' उन्होंने कहा, 'हमारे कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में हर बार चोरी की एफआईआर दर्ज कराई. एनडीएमसी को सुरक्षा बढ़ाने के लिए खत लिखा. लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया.'

एमटीएनएल के एक अधिकारी ने कहा, 'सुरंग के सभी प्रवेश द्वार, दरवाजे और संपत्तियां एनडीएमसी से संबंधित हैं और इसकी सुरक्षा भी उनकी जिम्मेदारी है. इसको अनदेखा करना हैरान करता है. दिल्ली की सबसे पॉश इलाके में सुरक्षा का ये हाल है.'

एनडीएमसी सचिव चंचल यादव ने कहा, 'हम घटनाओं से सचेत हैं और 24 घंटे सुरक्षाकर्मियों और सीसीटीवी कैमरों से टनल की मॉनिटरिंग की जा रही है. हमारा आकलन है कि इन घटनाओं के पीछे कोई भीतरी व्यक्ति हो सकता है जैसे- सर्विस प्रोवाइडर जो कि रख-रखाव के लिए आते हैं.'

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नौ सालों में बनकर तैयार हुई इस सुरंग पर एनडीएमसी के 265 करोड़ खर्च हुए. ऐसी भारत में ये इकलौती टनल है. बिजली, पानी, टेलीफोन और हर तरीके की केबल इस सुरंग में से गई हैं. यह कनॉट प्लेस के पुनर्विकास परियोजना का एक हिस्सा थी.

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