दिल्ली की नौकरशाही में अचानक एक नया बवाल मच गया है. दिल्ली सरकार के सीनियर आईएएस अधिकारी शक्ति सिन्हा ने अचानक वीआरएस लेने का फैसला लिया है.
गौरतलब है कि शक्ति सिन्हा अभी दिल्ली के वित्त और ऊर्जा सचिव हैं. यानी दिल्ली सरकार में मुख्य सचिव के बाद नंबर दो अधिकारी. शक्ति सिन्हा यूं तो उसी बैच के आईएएस अफसर हैं, जिस बैच से दिल्ली के मुख्य सचिव डीएम सपोलिया आते हैं, लेकिन जब इस साल एक जनवरी को नया मुख्य सचिव चुना जाना था तब डीएम सपोलिया को शक्ति सिन्हा के ऊपर तरजीह दी गई. हालांकि इतने सीनियर अफसर के अचानक रिटायरमेंट लेने की खबर को शीला सरकार के भीतर नौकरशाही में चल रही जबरदस्त खींचतान से जोड़ा जा रहा है.
हालांकि दिल्ली आजतक के संवाददाता से बातचीत में शक्ति सिन्हा ने अपने अचानक रिटायरमेंट लेने की खबर को अपना निजी फैसला बताया है. सूत्रों की मानें तो पिछले कई महीनों से सरकारी फैसलों में शक्ति सिन्हा का रोल कम माना जा रहा था. सूत्र बताते हैं कि करीब दस दिन पहले जब दिल्ली में बिजली की कीमत बढ़ी तब सिन्हा दिल्ली में मौजूद नहीं थे. तब सरकार ने करीब 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने फैसला लिया, जिसपर बतौर वित्त और ऊर्जा सचिव शक्ति सिन्हा की मुहर नहीं थी.
सब्सिडी देने के इस फैसले पर अब तक दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने भी मुहर नहीं लगाई है. हालांकि शक्ति सिन्हा अभी करीब दो महीने के नोटिस पीरियड पर हैं, लेकिन सरकार जल्द ही उन्हें वित्त या ऊर्जा सचिव या फिर दोनों पदों से हटा सकती है. चर्चा ये है कि गोवा से आए आरके वर्मा दिल्ली के नए वित्त सचिव हो सकते हैं.