1984 सिख दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर पर फिर से कानूनी शिंकजा कसना शुरू हो गया है. दिल्ली की एक निचली अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने पुलबंगश दंगा मामले में टाइटलर की भूमिका की नए सिरे से जांच के आदेश सीबीआई को दिए हैं.
कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया. क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने ये दावा किया था कि पुलबंगश में हुए दंगे में टाइटलर की मौजूदगी के पर्याप्त सबूत नहीं है. इसलिए उन पर केस नहीं बनता है.
अदालत में सीबीआई गवाहों के मुद्दे पर भी घिरी. सीबीआई पर आरोप है कि उन लोगों को गवाह बनाया गया, जिन्हें इस खौफनाक हादसे के बारे में पता भी नहीं था. जगदीश टाइटलर पर पुलबंगश इलाके में 3 सिखों की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है. टाइटलर ने ये दावा किया था कि दंगे के समय वो प्रधानमंत्री के आवास पर थे.
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सीबीआई ने इस केस में सितंबर 2007 में टाइटलर को क्लीन चिट देते हुए पहली बार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने दिसंबर 2007 में उसे मानने से इनकार कर दिया था. इसके बाद मार्च 2009 में एक बार फिर सीबीआई ने टाइटलर को क्लीन चिट देते हुए क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसे कोर्ट ने मंजूर भी कर लिया था.
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दंगा पीड़ितों ने इसका विरोध किया और कोर्ट में चुनौती दी थी. अब कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई को एक बार फिर दंगों में टाइटलर की भूमिका की जांच शुरू करनी पड़ेगी.
इस फैसले को शीला सरकार के लिए भी एक बड़ा झटका माना जा रहा क्योंकि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.