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शाहीन बाग: वजाहत हबीबुल्ला का SC में हलफनामा- धरना शांतिपूर्ण, पुलिस ने बेवजह बंद किए रास्ते

Shaheen Bagh: वजाहत हबीबुल्ला ने हलफनामे में कहा है, पुलिस ने 5 जगहों पर रोड ब्लॉक किया. अगर ब्लॉकिंग रोक दी जाती तो ट्रैफिक सामान्य तरीके से चलने लगता. हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.

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Shaheen Bagh: हलफनामे में कहा गया है कि बैरिकेडिंग से लोगों की परेशानी बढ़ी (फाइल फोटो-ANI)
Shaheen Bagh: हलफनामे में कहा गया है कि बैरिकेडिंग से लोगों की परेशानी बढ़ी (फाइल फोटो-ANI)

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  • शाहीन बाग मुद्दे पर SC में सोमवार को सुनवाई
  • इससे पहले हबीबुल्ला ने SC में दिया हलफनामा

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ 2 महीने से ज्यादा वक्त से विरोध प्रदर्शन जारी है. वजाहत हबीबुल्ला ने सड़क बंद होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. हलफनामे में कहा गया है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. पुलिस ने 5 जगहों पर रोड ब्लॉक किया है. अगर ब्लॉकिंग रोक दी जाती तो ट्रैफिक सामान्य तरीके से चलने लगता. हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत हबीबुल्ला से प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा था. जबकि कोर्ट ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार बनाकर शाहीन बाग भेजा था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वजाहत हबीबुल्ला प्रदर्शन स्थल पर गए और उन्होंने हलफनामा दायर किया है.

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क्या कहा हबीबुल्ला ने

अपने हलफनामे में वजाहत हबीबुल्ला ने लिखा है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. हालांकि स्कूल वैन और एंबुलेंस जाने की इजाजत दी जा रही है लेकिन पुलिस की चेकिंग के बाद ही इसकी अनुमति है. सीएए, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए. बता दें, वजाहत हबीबु्ल्ला पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और प्रमुख सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं. हबीबुल्ला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को शाहीन बाग मुद्दे पर सुनवाई होने वाली है.

चौथे दिन की वार्ता बेनतीजा

इससे पहले शनिवार को शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन की चौथे दिन की बातचीत भी बेनतीजा रही. लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह वार्ताकार रामचंद्रन यहां पहुंचीं और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए समझाया. प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार के समक्ष सात मांगें रखते हुए कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा.

शनिवार सुबह 10.30 बजे शाहीन बाग पहुंची साधना रामचंद्रन ने कहा, "अगर रास्ता नहीं खुला तो हम आपकी मदद नहीं कर पाएंगे. हम प्रदर्शन खत्म करने को नहीं कह रहे हैं." उन्होंने कहा, "मैं यहां सरकार की ओर से नहीं आई हूं. हम सुप्रीम कोर्ट से कहेंगे की आपको सुरक्षा दी जाए. आपको एक पार्क दे दिया जाएगा, जहां पर आप प्रदर्शन को जारी रख सकते हैं."

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प्रदर्शनकारियों ने एक रास्ता खोला

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने करीब 70 दिन बाद शनिवार को नोएडा और फरीदाबाद जाने वाले एक वैकल्पिक रास्ते को खोल दिया. इस रास्ते से सिर्फ छोटी गाड़ियां, कार और बाइक ही जा सकते हैं. इसकी वजह यह है कि यह रास्ता बेहद संकरा है. यह रास्ता होली फैमिली, जामिया, बटला हाउस और अबुल फजल होते हुए नोएडा और फरीदाबाद जाता है. यह रास्ता आगे जाकर नोएडा की तरफ तो बढ़िया है, लेकिन फरीदाबाद की तरफ जाने वाला रास्ता बेहद संकरा है. प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ एक तरफ का रास्ता खोला है. हालांकि वापस जाने वाले रास्ते पर अब भी बैरिकेड लगे हैं.

जाफराबाद में भी प्रदर्शन

पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लगभग 500 लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. शनिवार रात शुरू हुआ यह प्रदर्शन रविवार को भी जारी है. प्रदर्शन मेट्रो स्टेशन के ठीक बगल में चल रहा है, इसलिए दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने रविवार को लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी. यहां मेट्रो का स्टॉपेज भी रोक दिया गया है. विरोध प्रदर्शन शनिवार रात से शुरू हुआ, जिससे सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाला रास्ता बंद हो गया. लोगों को परेशानी न हो या कोई अप्रिय घटना सामने न आए, इसे देखते हुए प्रशासन ने भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की है.

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