नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी है. इस बीच बीजेपी की ओर से प्रदर्शनकारी महिलाओं पर पैसे लेकर धरने पर बैठने का इल्जाम लगाया गया था. इस मामले में मंगलवार को शाहीन बाग की दो महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय को एक करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है.
वकील महमूद पारचा के जरिए अमित मालवीय के साथ ही उन चैनलों को भी नोटिस भेजा गया है, जिसने वायरल वीडियो को चलाया था. अभी व्यक्तिगत तौर पर नोटिस भेजा गया है. फिलहाल निचली अदालत में मानहानि का मुकद्दमा दायर नहीं हुआ है.
ये भी पढ़ें---- शाहीन बाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन, लगे 'नो कैश नो पेटीएम' के पोस्टर
पैसे लेकर प्रदर्शन का दावा
वायरल वीडियो में महिलाओं के 500 से 700 रुपये लेकर धरना-प्रदर्शन करने की बात की गई थी. अमित मालवीय ने इस वीडियो को ट्वीट किया था, जिसके बाद वकील महमूद पारचा ने अपनी दो महिलाओं की तरफ से मानहानि का नोटिस भेजा है.शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया था कि उन्हें धरने पर बैठने के लिए पैसों का भुगतान किया जा रहा है. अमित मालवीय को भेजे गए कानूनी नोटिस में तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई.
आज प्रदर्शन का 37वां दिन
दिल्ली के चर्चित शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाओं को मंगलवार को 37 दिन पूरे हो गए. ये प्रदर्शन केंद्र सरकार की ओर से नए नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर लागू करने के फैसले के विरोध में किया जा रहा है.ये भी पढ़ेंः विवेक अग्निहोत्री के ट्वीट पर बोले शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी- हम कश्मीरी पंडितों के साथ
मालवीय को ये नोटिस वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है. पारचा प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार हैं. नोटिस दो महिलाओं की ओर से भेजा गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि अमित मालवीय केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी से जुड़े हैं. इसलिए प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने में उनका निहित स्वार्थ है.