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डॉ. कलबुर्गी की हत्या पर विरोध जताते हुए साहित्य अकादमी से शशि देशपांडे का इस्तीफा

कन्नड़ लेखक डॉ. कलबुर्गी की हत्या के मामले पर विरोध जताते हुए पुरस्कार प्राप्त लेखिका शशि देशपांडे ने शुक्रवार को साहित्य अकादमी जनरल काउंसिल से इस्तीफा दे दिया. शशि देशपांडे ने डॉ. कलबुर्गी की हत्या पर अकादमी की चुप्पी के खिलाफ इस्तीफा दिया.

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लेखिका शशि देशपांडे
लेखिका शशि देशपांडे

कन्नड़ लेखक डॉ. कलबुर्गी की हत्या के मामले पर विरोध जताते हुए पुरस्कार प्राप्त लेखिका शशि देशपांडे ने शुक्रवार को साहित्य अकादमी जनरल काउंसिल से इस्तीफा दे दिया. शशि देशपांडे ने डॉ. कलबुर्गी की हत्या पर अकादमी की चुप्पी के खिलाफ इस्तीफा दिया.

अकादमी चेयरपर्सन विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने एक-एक कर लेखकों के फैसले पर कहा, 'मैं सभी से उनके निर्णयों पर पुनर्विचार करने की गुजारिश ही कर सकता हूं.'

उधर, शशि देशपांडे ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि अकादमी अपने रूटीन कामों, इनाम देने आदि के अलावा लेखकों की स्वतंत्रता पर हो रहे प्रहार को लेकर कदम उठाएगी.'

देशपांडे ने कई शॉर्ट स्टोरीज, निबंध लिखे हैं और वह कई नॉवल्स की लेखिका हैं. 'दैट लॉन्ग साइलेंस' नॉवल के लिए साहित्य अकादमी सम्मान किया गया था. देशपांडे को 2009 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था.

इससे पहले जवाहर लाल नेहरू की भांजी और मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल, ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष अशोक वाजपेयी, हिंदी साहित्य के चर्चित कथाकार उदय प्रकाश ने प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी सम्मान लौटा दिया था. इनके अलावा उर्दू उपन्यासकार रहमान अब्बास ने भी अपना उर्दू साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटाने की घोषणा की है.

अकादमी चेयरपर्सन विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को पत्र लिखते हुए 77 वर्षीय लेखिका देशपांडे ने कहा कि मैं अफसोस के साथ यह कदम उठा रही हूं.

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