दिल्ली में एमसीडी चुनाव की 270 सीटों पर वोटिंग हो रही है. ऐसे में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता विकास और कांग्रेस पार्टी के नाम पर वोट देगी, ना कि अजय माकन के नाम पर.
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के नतीजे के बाद पार्टी में कुछ निराशा हो सकती है, लेकिन ये एमसीडी का चुनाव है. यहां अजय माकन नहीं लड़ रहे, उनके हारने जीतने का सवाल नहीं है. लोग कांग्रेस को वोट करेंगे. कांग्रेस के नाम और काम पर वोट पड़ेगा. और हां, टिकट बंटवारे में तो हमेशा ही विवाद होता है.
एमसीजी चुनाव में प्रचार ना करने के सवाल पर शीला दीक्षित का कहना है कि चिकनगुनिया, डेंगू से निपटने की ज़िम्मेदारी एमसीडी के साथ ही केजरीवाल सरकार की भी है. इसलिए खुद केजरीवाल तो कोई काम करते नहीं, ऊपर से ऐसी भाषा बोलते हैं. केजरीवाल सरकार के वक़्त से ही दिल्ली में ये समस्या ज़्यादा बढ़ी है.
शीला दीक्षित ने कहा कि एमसीडी चुनाव, केजरीवाल सरकार पर जनमत संग्रह तो नहीं है लेकिन इसके नतीजों का असर केजरीवाल सरकार पर जरूर पड़ेगा.कांग्रेस के प्रर्दशन पर शीला ने कहा कि हार हो या जीत पार्टी के भीतर नतीजों की समीक्षा और मूल्यांकन जरूर होना चाहिए, उम्मीद है आलाकमान ऐसा करेगा.
माकन पर संदीप दीक्षित का हमला
पूर्व कांग्रेस सांसद और शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने अजय माकन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि वो प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व के बारे में बोलना नहीं चाहते लेकिन उन्होंने कहा कि माकन शायद डरते
हैं कि, शीला जी के नाम पर वोट पड़ा तो वो फिर दिल्ली पर न क़ाबिज़ हो जाएं.
ये तंगदिल, बुज़दिल और कम दिमाग के लोग हैं, जिनका नेतृत्व थोपा गया सा लगता
है. एमसीडी चुनाव में बीजेपी के दस साल और केजरीवाल के
दो साल के खिलाफ शीला सरकार के 15 साल को याद करके वोट पड़ रहा है.
संदीप दीक्षित ने कहा कि चुनाव के बाद हमारे यहां कभी ईमानदारी से समीक्षा नहीं होती है और ना आगे होगी. हमारे यहां तो एक व्यक्ति को बैक किया जाता है, हार जीत का असर उस पर फिर नहीं पड़ता, अगर इस बार पड़ा तो भी जल्दबाज़ी भरा क़दम होगा. हमारे यहां तो अगर हार होती है तो शायद वोटर हमारी बात नहीं समझा, ये माना जाता है यानी वोटर की गलती. बार-बार हारने के बाद शायद एक दिन जीत मिल जाएगी , ये सोच है, और क्या कह सकता हूं.
केजरीवाल पर भी बोले
चिकनगुनिया और डेंगू पर केजरीवाल जैसे घटिया आदमी का घटिया तर्क है. ये चुनाव उनकी सरकार के खिलाफ जनमत संग्रह है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल की सरकार में दिल्ली आगे बढ़ने की बजाय पीछे की ओर गई है.