दिल्ली सरकार के द्वारा महिलाओं के मुफ्त में मेट्रो की सैर कराने पर लगातार राजनीतिक बयान आ रहे हैं. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल के मुफ्त सफर वाले फैसले को एक सराहनीय कदम बताया है. उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा कर सकते हैं तो यह एक अच्छी पहल है.
हालांकि, इसी के साथ शीला दीक्षित ने इस पर सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा कि अगर वो सिर्फ ऐसा अपने फायदे के लिए कर रहे हैं, ना कि किसी और के फायदे के लिए तो इसे राजनीति से प्रेरित समझा जाएगा.
गौरतलब है कि बीते सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को मेट्रो और डीटीसी बसों में फ्री यात्रा का तोहफा देने की घोषणा की थी. अरविंद केजरीवाल के इस फैसले को अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
केजरीवाल ने इस फैसले के ऐलान के साथ कहा कि दिल्ली में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं. ऐसे में सरकार के द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए 2 बड़े फैसले लिए गए हैं. जिसमें दिल्ली मेट्रो और डीटीसी बसों में महिलाओं को किराए से छुटकारा दिलाने के लिए नि:शुल्क यात्रा का फैसला अहम है.
केजरीवाल का दावा है कि इससे उन्हें सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. महिलाओं को फ्री यात्रा देने में डीएमआरसी को होने वाले नुकसान की भरपाई दिल्ली सरकार करेगी.
33 फीसदी महिलाएं करती हैं सफर
आपको बता दें कि बसों और मेट्रो में कुल यात्रियों में 33 फीसदी महिलाएं होती हैं. इसके मुताबिक मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त यात्रा पर करीब एक हजार करोड़ प्रतिवर्ष का खर्च आएगा जबकि करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च बसों को लेकर सरकार पर आएगा.
अनुमान है कि महिलाओं के लिए दिल्ली मेट्रो और डीटीसी की बसों में इस योजना को लागू करने में सरकार पर प्रतिवर्ष करीब 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. इस सुविधा को लागू करने में आने वाले खर्च की भरपाई दिल्ली सरकार करेगी.
दिल्ली सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे पूछा कि इस योजना को कैसे लागू किया जा सकता है.
आपको बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 9 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में 40 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे महज 1 सीट पर ही जीत मिली है. इस चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी ने अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है.