दिल्ली कांग्रेस की कमान संभालने के लिए लगता है शीला दीक्षित खेमा फिर पूरे जोरशोर से मैदान में है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने सेहत ठीक ना होने का हवाला देते हुए इस्तीफे की पेशकश की, तो अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए पार्टी में लामबंदी तेज हो गई है.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के लिए शीला दीक्षित खेमे की ओर से कोशिशें तेज कर दी गई हैं. तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित से जुड़े खेमे के नेताओं ने प्रदेश प्रभारी पीसी चाको से मिलकर कहा है कि शीला को एक बार फिर प्रदेश की कमान सौंपी जाए.
सूत्रों के मुताबिक, शीला खेमे ने हाल में उन नेताओं की बैठक बुलाई जो खुद को प्रदेश अध्यक्ष पद का दावेदार मानते हैं, साथ ही और भी कुछ बड़े नेताओं को भी बुलाया.
दावेदारों में माने जाने वाले सुभाष चोपड़ा, महाबल मिश्र, जयकिशन, योगानंद शास्त्री जैसे नेताओं को बैठक में बुलाया गया. साथ ही जगदीश टाइटलर और मंगतराम सिंघल जैसे नेता भी इसमें शामिल हुए. इस बैठक में दावेदारों ने अपनी दावेदारी तो जताई ही, लेकिन साथ ही इस पर भी सहमति दे दी कि अगर दिल्ली कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहीं शीला दीक्षित को कमान दी जाती है तो वो साथ देने को तैयार हैं. खुद को दावेदारी से दूर मानने वाले जगदीश टाइटलर और मंगतराम सिंघल जैसे नेताओं ने भी शीला की पुरजोर वकालत की. अध्यक्ष पद के एक और दावेदार राजेश लिलोठिया ने भी शीला के नाम पर पीछे हटने की बात कही. बैठक में शामिल रहे लिलोठिया अभी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं.
शीला खेमे के नेताओं ने इसके बाद इस पूरी बैठक की जानकारी सोमवार शाम प्रदेश प्रभारी पीसी चाको को दी. साथ ही कहा कि वो चाहें तो बैठक में शीला के हक में राय देने वालों से अलग अलग बात कर सकते हैं. शीला खेमा अपनी तरफ से ये दलीलें भी दे रहा है-
1. शीला सरकार उस वक्त दिल्ली में हारी, जब केजरीवाल और मोदी लहर चल रही थी और देश भर में कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त माहौल था. अब वक्त गुजरने के बाद लोग शीला के काम को याद कर रहे हैं.
2. शीला एक बड़ा चेहरा हैं, उनको आगे करके बाकी राज्यों की तरह 4 वर्किंग प्रेजिडेंट बनाकर एक टीम बनाई जाए.
3. जैसे 72 से ज्यादा उम्र वाले कमलनाथ को मध्य प्रदेश में और 75 साल के सोमेन मित्रा को बंगाल की कमान सौंपी जा सकती है, वैसे ही उम्रदराज शीला को दिल्ली की कमान सौंपी जाए.
हालांकि, हारून यूसुफ और अरविंदर सिंह लवली सरीखे नेता इस बैठक से दूर रहे. वहीं दिग्गज नेता सज्जन कुमार और पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल ने आलाकमान के पाले में गेंद डालते हुए स्टैंड लिया है कि, जिसको आलाकमान अध्यक्ष बनाएगा हम उसके साथ रहेंगे. वहीं वर्तमान अध्यक्ष अजय माकन की पहली पसंद देवेंद्र यादव बताये जाते हैं.
ऐसे में अब गेंद आलाकमान के पाले में है. उसके पास तीन विकल्प हैं. पहला ये कि माकन को बरकरार रखते हुए उनके साथ शीला की सहमति से 2 या 4 वर्किंग प्रेजिडेंट बना दिए जाएं. दूसरा ये कि शीला को कमान देकर माकन की सहमति से 2 या 4 वर्किंग प्रेजिडेंट बना दिए जाएं. और तीसरा ये कि शीला और माकन दोनों की सहमति से मिला जुलकर एक नई टीम तैयार की जाए.