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शीला दीक्षित का फैसला मानने को तैयार नहीं हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव

कांग्रेस अध्यक्ष के पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब पार्टी में अंदरुनी कलह सबके सामने आने लगी है. बुधवार को दिल्ली कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के खिलाफ दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ खुलकर सामने आ गए.

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फाइल फोटो- शीला दीक्षित (फोटो-IANS)
फाइल फोटो- शीला दीक्षित (फोटो-IANS)

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में फूट पड़ गई है. बुधवार को शीला दीक्षित ने कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव का तबादला कर उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनाव की जिम्मेदारी दी थी.

शीला दीक्षित के इस फैसले से नाराज हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव आज सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी(DPCC) ऑफिस पहुंचे. इस दौरान देवेंद्र यादव ने कहा कि हमें सिर्फ ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी(AICC) का फैसला मंजूर है.

सभी ब्लॉक पहले की तरह कायम हैं. वहीं हारून यूसुफ ने कहा कि DPCC में सामूहिक निर्णय होना चाहिए. कुछ लोग पार्टी का माहौल खराब कर रहे हैं.

बता दें इससे पहले दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने तीन कार्यकारी अध्यक्षों के पद बदले थे. कांग्रेस नेता हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव को दिल्ली यूनिवर्सिटी तक सीमित कर दिया गया था. जिसके खिलाफ अब हारून अपने समर्थकों के साथ बगावत पर उतर आए हैं.

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काम के बंटवारे में हारून यूसुफ को आगामी दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी. हारून यूसुफ आगामी दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव के लिए NSUI का काम देखते लेकिन लग रहा है पार्टी में बढ़ रहे मतभेदों के चलते अब ऐसा नहीं होगा. यही जिम्मेदारी देवेंद्र यादव को भी दी गई थी. इस एक्शन नोट में राजेश लिलोठिया का भी नाम है. उन्हें नॉर्थ दिल्ली नगर निगम, साउथ दिल्ली नगर निगम और यूथ कांग्रेस की जिम्मेदारी दी गई है.

दिल्ली में कांग्रेस पार्टी दो गुटों में बंटती नजर आ रही है. पार्टी प्रभारी पीसी चाको और प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के बीच अनबन की खबरें अब कांग्रेस पार्टी के दफ्तर से बाहर आ चुकी हैं. दोनों दिग्गज नेताओं की ओर से ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जिन्हें देखकर लगता है कि दोनों के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं.

शीर्ष नेतृत्व न होने की कमी से जूझ रही कांग्रेस पार्टी के लिए यह काफी मुश्किलों भरा सफर  है. दिल्ली विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक हैं और पार्टी में आपसी खींचतान चल रही है. ऐसे में कांग्रेस की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही है.

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