दिवाली का त्योहार नजदीक है, लेकिन बाजार से रौनक गायब है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में पटाखा बिक्री पर बैन लगाने बाद मंगलवार को दिल्ली के ज्यादातर पटाखा बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. जामा मस्जिद से लेकर फिल्मिस्तान तक हर जगह स्थायी- अस्थायी लाइसेंस वाली ज्यादातर पटाखा दुकानें बंद नजर आईं. कुछ पटाखा कारोबारियों ने पाबंदी के बावजूद दुकानें खोल रखी थीं, हालांकि दिल्ली पुलिस ने उन दुकानों को भी बंद करा दिया.
दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 नवम्बर तक पटाखों की बिक्री लगाए गए बैन के आदेश को सख्ती से लागू करने में लग गई है, लेकिन कुछ दुकानदार चोरी-छिपे स्टॉक किए पटाखे बेचने की कोशिश कर रहे हैं.
फिल्मिस्तान इलाके में ही 'रोहतक पटाखे वाला' नाम की दुकान भी पाबंदी के बावजूद खुली हुई थी. दिल्ली पुलिस ने पेट्रोलिंग के दौरान इस दुकान पर भी ताला जड़ दिया और दुकान के कर्मचारियों को थाने ले गए. दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने बताया कि सुबह की पेट्रोलिंग के दौरान इस दुकान को भी बंद कराया गया था. लेकिन दूसरी बार पेट्रोलिंग के दौरान भी जब पुलिस को दुकान खुली नजर आई तो उन्होंने सख्त एक्शन लिया.
वहीं रोहतक पटाखे वाला दुकान के कर्मचारी यह सफाई देते रहे कि उन्हें मालिक ने दुकान की सफाई करने को कहा था, इसलिए उन्होंने दुकान खोल रखी थी.
इसी तरह आजतक की टीम को एक और पटाखा दुकान आधी खुली नजर आई. जैसे ही आजतक की टीम दुकान की तरफ बढ़ी कारोबारी ने फौरन अपनी दुकान बंद कर ली. पूछने पर बताया कि पटाखे नहीं बेच रहे हैं, बल्कि सिर्फ अपना सामान समेट रहे हैं. दुकान के अंदर कुछ लोग नजर आए, लेकिन आजतक का कैमरा देख कोई भी बोलने को राजी नहीं हुआ.
पटाखा बैन से कुछ निराश, लेकिन खुश
जामा मस्जिद इलाके में भी कई लोग पटाखों के दुकान तलाशते नजर आए. पूछने पर बताया कि बैन के बाद सस्ते पटाखे मिलने की खबर देखी तो सस्ते में पटाखे खरीदने की उम्मीद लेकर आए थे. लेकिन दुकानें बंद होने की वजह से उन्हें निराशा ही हाथ लगी. दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बावजूद पटाखे तलाशते लोगों ने तर्क दिया कि छोटे और साधारण आतिशबाजी के सामान लेने आए थे, ताकि दीवाली का जश्न भी हो और प्रदूषण भी ना फैले. जबकि दिल्ली का एक बड़ा तबका सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नजर आया. लोगों ने कहा कि दिल्ली की जहरीली आबो-हवा को सुधारने के सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से वे खुश हैं और दूसरों से भी अपील करते हैं कि ग्रीन दिवाली मनाएं, दिए जलाएं.