scorecardresearch
 

देखते ही देखते कैसे अखाड़ा बन गया सिंघु बॉर्डर, झड़प के बाद इलाके में तनाव

सिंघु बॉर्डर पर अभी भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. आंदोलनकारियों का कहना है कि किसानों के प्रदर्शन के कारण हाइवे बंद है और हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

Advertisement
X
सिंघु बॉर्डर पर तैनात फोर्स (फोटो-PTI)
सिंघु बॉर्डर पर तैनात फोर्स (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों और आंदोलनकारियों के बीच झड़प
  • पुलिस ने आंदोलनकारियों पर किया लाठीचार्ज

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बवाल हुआ है. किसानों और आंदोलनकारियों के बीच पत्थरबाजी हुई और लाठी डंडे चले हैं. दरअसल, सिंघु बॉर्डर पर 26 जनवरी की हिंसा के बाद से ही तनाव का माहौल है. भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है. शुक्रवार सुबह भी पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई और 2 किलोमीटर पहले ही सभी गाड़ियों को रोक दिया गया था.

Advertisement

सड़क के एक तरफ किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था और दूसरी तरफ फोर्स मोर्चा संभाले खड़ी थी. तभी अचानक कुछ लोग पुलिस फोर्स की तैनाती वाली जगह पर आ गए और खुद को पास के गांव बवाना और नरेला का बताते हुए किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. पुलिस ने पहले इन्हें दो किलोमीटर पहले रोका, लेकिन यह फिर भी आगे बढ़ते रहे.

देखते-देखते खुद को स्थानीय गांव का निवासी बताने वाले आंदोलनकारी आगे बढ़ते गए और किसानों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और किसानों के प्रदर्शनस्थल के करीब पहुंचने लगे. इस बीच किसानों की ओर से भी फ्रंटलाइन पर लोग खड़े हो गए.  जैसे ही खुद को स्थानीय गांव वाले बताने वाले लोग आगे बढ़े, वैसे ही किसान और आंदोलनकारियों में भिड़ंत हो गई.

खुद को स्थानीय गांव का निवासी बताने वाले आंदोलनकारी लाठी और डंडों से किसानों पर वार करने लगे. इसके बाद किसानों ने भी वार का पलटवार किया. बाद में आंदोलनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण किसानों ने भी पत्थरबाजी की. इस पत्थरबाजी में कई पुलिस अफसर घायल हो गए. इसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया.

Advertisement

आंदोलनकारियों को तितर-बितर करना शुरू किया गया. इस दौरान एक आंदोलनकारी ने आरोप लगाया कि पहले हमला किसानों ने किया और उनकी तरफ से तलवार से वार किया गया है. पुलिस जवानों का भी कहना है कि किसानों की ओर से तलवारबाजी हुई है और एक तलवार को जब्त कर लिया गया है

फिलहाल, पुलिस खुद को स्थानीय गांव का निवासी बताने वाले आंदोलनकारियों को खदेड़ रही है. सिंघु बॉर्डर पर अभी भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. आंदोलनकारियों का कहना है कि किसानों के प्रदर्शन के कारण हाइवे बंद है और हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

 

Advertisement
Advertisement