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दिल्ली के एक और अस्पताल में ऑक्सीजन का 'महासंकट', कहा- स्टॉक खत्म

दिल्ली के अस्पताल सीताराम भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस ऐंड रिसर्च में ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिल रही है. अस्पताल की तरफ से ट्वीट कर बताया गया है कि अब सिर्फ शाम 5 तक की ऑक्सीजन बची है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो पीटीआई)
प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एक और अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट
  • शाम 5 तक का स्टॉक बचा
  • अस्पताल में 45 मरीज एडमिट

देश की राजधानी दिल्ली इस समय सिर्फ कोरोना से नहीं लड़ रही है, बल्कि उसका सामना उस बिखरती स्वास्थ्य व्यवस्था से भी हो रहा है जिसकी वजह से हर मरीज दर-दर भटकने को मजबूर है. हर बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन की भारी कमी है और मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है. अब स्थिति सुधरती उससे पहले खबर आ गई है कि दिल्ली के एक और अस्पताल में ऑक्सीजन का सिर्फ शाम 5 बजे तक का स्टॉक बचा है.

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एक और अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट

दिल्ली के अस्पताल सीताराम भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस ऐंड रिसर्च में ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिल रही है. अस्पताल की तरफ से ट्वीट कर बताया गया है कि अब सिर्फ शाम 5 बजे तक की ऑक्सीजन बची है. प्रशासन ने ट्वीट में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, PMO ऑफिस और आप नेता राघव चड्ढा को टैग कर रखा है. अपील की गई है कि अस्पताल को तुरंत ऑक्सीजन की सप्लाई की जाए. ये दिल्ली का पहला अस्पताल नहीं है जहां पर सिर्फ कुछ घंटों की ऑक्सीजन बची हो. हालात इतने खराब हो गए हैं कि अब लोग कोरोना से नही बल्कि समय रहते ऑक्सीजन ना मिलने से मर रहे हैं.

इसके अलावा वेंकटेशा अस्पताल ने भी जानकारी दी है कि उनके पास सिर्फ एक घंटे का ऑक्सीजन स्टॉक बचा है. ऐसे में सीताराम भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस ऐंड रिसर्च के साथ-साथ वेंकटेशा ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि उन्हें तुरंत ऑक्सीजन मुहैया करवाई जाए.

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बत्रा अस्पताल में 12 कोविड मरीजों की मौत

शनिवार को दिल्ली के बत्रा अस्पताल से भी दिल दहलाने वाली घटना सामने आई थी. अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई थी और करीब एक घंटा 20 मिनट तक इंतजाम भी नहीं हो पाया. इस वजह से 12 कोविड मरीजों ने अपना दम तोड़ दिया. अस्पताल प्रशासन की तरफ से बताया गया था कि सभी से संपर्क साधा गया था, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. वहीं जब ऑक्सीजन की आपूर्ति की भी गई तो वो काफी देर से हुई जिस वजह से मरीजों की मौत हो गई. इसके अलावा मधुकर रेनबो चिल्ड्रन अस्पताल में भी मरीज ऑक्सीजन के लिए तरस गए हैं. वहां से भी जानकारी आई है कि 50 मरीज एडमित हैं, लेकिन ऑक्सीजन खत्म होने जा रही है.

हाई कोर्ट ने बोला- सेना से मदद लेनी चाहिए

दिल्ली में सिर्फ अस्पताल बदल रहे हैं, लेकिन परिस्थिति टस से मस होने का नाम नहीं ले रही. केंद्र ने जरूर दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाया है, लेकिन फिर भी जितनी डिमांड है उसकी तुलना में इसे काफी कम बताया जा रहा है. वहीं क्योंकि ऑक्सीजन की ट्रांसपोर्टेशन भी बड़ी चुनौती है, ऐसे में कोटे वाली ऑक्सीजन भी पूरी दिल्ली को नहीं मिल पा रही है. सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से कई बार ये मुद्दा उठाया गया है. सरकार ने हाई कोर्ट के सामने भी ये परेशानी रखी थी. उस सयम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि अगर स्थिति बेकाबू हो रही है तो सेना की मदद लेनी चाहिए.

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राघव चड्ढा ने भी केंद्र से गुजारिश की है कि उनकी तरफ से अब दिल्ली को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाई जाए. उन्होंने कहा है कि हमें अपनी मांग से भी आधी ऑक्सीजन दी जा रही है, जो कतई सही नहीं है. आज दिल्ली सांस ले, कहीं न कहीं इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की भी है. हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि दिल्ली को जितनी ऑक्सीजन सांस लेने के लिए चाहिए, उतनी ऑक्सीजन कृपया करके दिल्ली को भी मुहैया कराइए. 
 

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